‘विकल्प हमेशा खुले… किसी एक विचारधारा से नहीं बंधा’, शशि थरूर की एक और बमबारी, फिर कर दी PM मोदी की तारीफ

Last Updated:March 24, 2025, 17:06 IST
Shashi Tharoor News: शशि थरूर ने कहा कि वे किसी एक विचारधारा से बंधे नहीं हैं और भविष्य के लिए सारे विकल्प खुले हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति की तारीफ की. शशि थरूर पहले भी केरल सरकार का समर्थन क…और पढ़ें
कांग्रेस सांसद शशि थरूर अपने मुखर बयानों के लिए जाने जाते हैं. (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
शशि थरूर ने कहा कि वे किसी एक विचारधारा से बंधे नहीं हैं.कांग्रेस सांसद ने प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति की तारीफ की.केरल सरकार के व्यापार समर्थक रुख का भी समर्थन कर चुके हैं थरूर.
नई दिल्ली. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने एक बयान में यह कहकर हंगामा मचा दिया है कि वे किसी एक विचारधारा से नहीं बंधे हैं और भविष्य में उनके लिए सारे विकल्प खुले हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति की तारीफ की और कहा कि उन्होंने रूस और यूक्रेन के बीच संतुलन बनाए रखते हुए संयम और राजनीतिक सूझबूझ का परिचय दिया.
थरूर ने प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका की यात्रा के बाद भारत के टैरिफ ढांचे पर बातचीत के सकारात्मक परिणामों का भी उल्लेख किया और कहा कि यह दर्शाता है कि सही नेतृत्व के तहत चीजें कैसे आकार ले सकती हैं. वह पहले भी पीएम मोदी की इसी तरह से तारीफ कर चुके हैं. उन्होंने हाल ही में केरल की वामपंथी सरकार के व्यापार समर्थक रुख का भी समर्थन किया, जिसके बाद कांग्रेम में ही बवाल हो गया था.
वरिष्ठ पत्रकार सतीश पद्मनाभन के साथ एक बातचीत में थरूर ने कहा, “मैं न तो कम्युनिस्ट हूं, न सांप्रदायिक, और न ही किसी एक विचारधारा से बंधा हूं. मैं हमेशा उन अच्छे पहलुओं के लिए खुला हूं जो समाज में हो रही हैं.” जब उनसे भविष्य के राजनीतिक कदमों के बारे में पूछा गया, तो शशि थरूर ने कहा, “विकल्प हमेशा खुले रहते हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि एक पार्टी दूसरी पार्टी के लिए है, यह साहित्यिक खोज या किसी और दिशा में भी हो सकता है.”
केरल के तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद और प्रसिद्ध लेखक शशि थरूर ने 22 मार्च को भुवनेश्वर में आयोजित 11वें कलिंग साहित्य महोत्सव 2025 के अपने संबोधन में कहा कि जब राजनीति गिरती है, तो साहित्य हमेशा समाज की रक्षा के लिए सामने आता है.
थरूर ने दिवंगत प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और प्रसिद्ध हिंदी लेखक रामधारी सिंह दिनकर के बीच हुई ऐतिहासिक बातचीत का उदाहरण दिया और बताया कि लेखक समाज में बदलाव लाते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि जब समाज जवाब देना बंद कर देता है, तो साहित्यकार अपनी लेखनी से समाज को दिशा देने का कार्य करते हैं.
थरूर ने अपने भाषण में यह भी कहा कि अगर लेखकों को घुटन महसूस हो रही है, तो यह समाज की स्थिति का साफ संकेत है. उन्होंने वर्तमान में हो रहे ध्रुवीकरण पर चिंता जताते हुए कहा कि इस समय कुछ भी नया होने की उम्मीद नहीं है.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
March 24, 2025, 17:06 IST
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‘विकल्प हमेशा खुले.. किसी एक विचारधारा से नहीं बंधा’, शशि थरूर की एक और बमबारी