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outbreak of viral brain fever diseases take care of this

Last Updated:April 18, 2025, 15:57 IST

दिमागी बुखार मुख्य रूप से वायरस, बैक्टीरिया या फंगस के संक्रमण के कारण होती है, जो दिमाग और रीढ़ की हड्डी को घेरने वाली झिल्लियों (मेनिन्जेस) में सूजन पैदा कर देते हैं. वहीं सेरेब्रल वेन थ्रोम्बोसिस में दिमाग क…और पढ़ेंX
डॉ.
डॉ. महेश कुमार गुप्ता 

हाइलाइट्स

नागौर में गर्मी से वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण बढ़े.दिमागी बुखार और थ्रोम्बोसिस के मामले तेजी से बढ़ रहे.बचाव के लिए एंटीबायोटिक और हाइड्रेशन जरूरी.

नागौर:- गर्मी के मौसम की शुरुआत के साथ ही अस्पतालों में वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. चिंताजनक बात है कि दिमागी बुखार (मेनिन्जाइटिस) और दिमाग की नसों में खून का थक्का जमने (सरे कल थ्रोम्बोसिस) के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं. इन मरीजों में युवा वर्ग की संख्या ज्यादा है.

चिकित्सकों के अनुसार, दिमागी बुखार के प्रमुख लक्षणों में तेज सिरदर्द, लगातार उल्टी आना, गर्दन में अकड़न या ऐंठन, बुखार, चक्कर आना शामिल है. कुछ गंभीर मामलों में मरीजों को भ्रम की स्थिति, बेहोशी और दौरे भी पड़ सकते हैं. अस्पतालों की न्यूरो ओपीडी में पिछले कई दिन से रोजाना इस तरह के नए मरीज आ रहे हैं. कई मरीजों को भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है. राहत की बात है कि इस प्रकार के मरीजों को साधारण एंटीबॉयोटिक और बॉडी को हाइड्रेट रखकर छुट्टी दे दी जा रही है.

वायरस होने का क्या है कारणचिकित्सकों के अनुसार, यह बीमारी मुख्य रूप से वायरस, बैक्टीरिया या फंगस के संक्रमण के कारण होती है, जो दिमाग और रीढ़ की हड्डी को घेरने वाली झिल्लियों (मेनिन्जेस) में सूजन पैदा कर देते हैं. वहीं सेरेब्रल वेन थ्रोम्बोसिस में दिमाग की नसों में खून का थक्का बन जाता है. इससे दिमाग में खून की आपूर्ति रूक जाती है और स्ट्रोक या अन्य गंभीर जटिलताएं होने लगती हैं. गर्मी में जलजनित और वायुजनित संक्रमण तेजी से फैलते हैं, जिससे ये रोग अधिक सक्रिय हो जाते हैं.

वायरस से दिमाग की नसों में होती है सूजनइंफ्लूएंजा, पैरा इंफ्लूएंजा और इंटेरोवायरस लोगों को संक्रामक रोग की चपेट में ले रहा है. इस तरह के फीवर में मरीज पूरी तरह बदहवास रहता है. वायरल फीवर पांच से छह दिन में उतर जाता है. इससे अधिक समय तक बुखार रह गया, तो इसका असर दिमाग की कोशिकाओं पर पड़ने में बिना सलाह दवा नहीं लिया जा सकता है. बैक्टीरियल और इंसेफेलाइटिस दो तरह के बुखार होते हैं.

बैक्टीरियल में दिमाग की कोशिकाओं के आसपास पानी की परत जमा होती है, जिससे दिमाग में सूजन आ जाती है. वहीं इंसेफेलाइटिस फीवर मच्छरों के काटने से होता है, जिसे सेरीव्रल मलेरिया कहा जाता है. इंटेरोवायरस से सबसे अधिक आंत और पेट संबंधी बीमारी होती है.

दिनचर्या में करें बदलावओपीडी में दिमागी बुखार और सेरेब्रल वेन थ्रोम्बोसिस के मरीज आने लगे हैं. लक्षण नजर आने पर मरीज के खून की जरूरी जांच व ब्रेन एमआरआई करवाएं. एंटीबॉयोटिक लेने के साथ बॉडी को हाइड्रेट करें. खानपान और दैनिक दिनचर्या का ख्याल रखा जाए, तो इन बीमारियों से बचा जा सकता है.

Location :

Nagaur,Rajasthan

First Published :

April 18, 2025, 15:57 IST

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