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Pakistan came to its knees due to floods, asks for trades with India | Pakistan Flood Crisis: महंगाई के बीच बाढ़ की मार से घुटनों पर आया पाकिस्तान, भारत से फिर व्यापार करने की गुहार, वित्त मंत्री का बयान

19 अगस्त 2019 को व्यापार संबंधों को किया था खत्म बता दें कि पाकिस्तान ने औपचारिक रूप से 19 अगस्त 2019 को भारत के साथ अपने व्यापार संबंधों को पूरी तरह से खत्म कर दिया था। पाकिस्तान ने यह फैसला भारत के जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 निरस्त करने के फैसले की प्रतिक्रिया के रूप में लिया था।

pak_govt_to_import_from_india.jpgभारत के साथ व्यापार फिर से शुरू करने की वकालत सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि पाकिस्तान के पूर्व सुरक्षा सलाहकार मोईद युसूफ भारत के साथ व्यापार के संबंध में कुछ प्रस्तावों पर काम कर रहे थे। वहीं, पाकिस्तान के पूर्व वाणिज्य सलाहकार रजाक दाऊद भी कई मौकों पर भारत के साथ व्यापार फिर से शुरू करने के लिए वकालत कर चुके हैं।

वाघा बॉर्डर के जरिए सफेद चीनी, कपास आयात करने की इजाजत? मार्च 2021 में पाकिस्तान की आर्थिक समन्वय समिति (ECC) ने कहा था कि वह प्राइवेट सेक्टर को भारत से 0.5 मिलियन टन सफेद चीनी और कपास का आयात करने की इजाजत वाघा बॉर्डर के जरिए देगी। हालांकि, इस फैसले को कुछ ही दिनों में खारिज कर दिया गया था, क्योंकि पीएमएलएन (PMLN) और पीपीपी (PPP) ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की थी, जो कि फिलहाल पाकिस्तान में गठबंधन की सरकार में हैं।

सरकार में बदलाव के बाद अटलकों पर वाणिज्य मंत्रालय का रुख वहीं, इस साल पाकिस्तान की सरकार में बदलाव होने पर मई में वाणिज्य मंत्रालय ने दोनों देशों के बीच ढप पड़े द्विपक्षीय व्यापार को फिर से शुरू करने की संभावना से इनकार कर दिया था। दरअसल, सोशल मीडिया पर अटकलें लगाई जा रही थीं कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार, भारत के साथ व्यापार फिर से शुरू करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है, जिसे लेकर वाणिज्य मंत्रालय की ओर से यह प्रतिक्रिया आई थी। वाणिज्य मंत्रालय की ओर से एक आधिकारिक घोषणा में कहा गया था, “भारत के साथ व्यापार पर पाकिस्तान की नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।”

भारत के साथ व्यापार और संबंधों पर विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी हालांकि, जून में विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने अन्य देशों, खासकर भारत के साथ व्यापार और संबंधों के मामले की वकालत की थी। विदेश मंत्री ने भारत के साथ संबंधों पर अधिक जोर देते हुए कहा था कि यह आर्थिक कूटनीति की ओर बढ़ने और संबंधों पर ध्यान केंद्रित करने का समय है। विदेश कार्यालय ने बाद में बिलावल भुट्टो की टिप्पणियों पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा था कि अपने पूर्वी पड़ोसी के प्रति पाकिस्तान की नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है और इस पर ‘राष्ट्रीय सहमति’ थी।

पाकिस्तान में आई भीषण बाढ़ में मरने वालों की संख्या हुई करीब 1150 गौरतलब है कि पाकिस्तान में आई भीषण बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या सोमवार को 1150 तक पहुंच गई। वहीं आर्थिक संकट से जूझ रही प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सरकार की अपील के बाद अंतरराष्ट्रीय सहायता पहुंचने लगी है। बाढ़ की विभीषिका का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि 3.3 करोड़ लोगों को यानी देश की कुल आबादी के करीब 7वें हिस्सा को विस्थापित होना पड़ा है। पाकिस्तानी जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान ने इसे ‘दशक का सबसे भयावह मॉनसून’ कहा। वहीं, वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल ने कहा कि बाढ़ के कारण पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को 10 अरब अमेरिकी डॉलर तक का नुकसान हुआ है।

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