विश्व मातृ दिवस: उम्मेद अस्पताल की नर्सरी माताओं का समर्पण.

Last Updated:May 11, 2025, 23:57 IST
विश्व मातृ दिवस पर उम्मेद अस्पताल की नर्सरी इकाई में नर्सें गंभीर बच्चों की देखभाल कर रही हैं. ये नर्सें बच्चों को मां का स्पर्श और दुलार देकर स्वस्थ्य बना रही हैं.X
हर बच्चे की देखभाल में दिन-रात एक
जोधपुर: आज विश्व मातृ दिवस है जिसे अंग्रेजी में मदर्स डे कहते है. बदले परिवेश में सोशल मीडिया से लेकर फोन व अन्य जरिए अपनी माताओं को विश करने की परंपरा चल पडी है और जिनके साथ माता पिता है वे अपने संस्कारों के चलते कोई पैर छूकर तो कोई गले लगकर अपने दिन की शुरूआत करते है। मां का आर्शीवाद सदियों से लेकर अब तक हमेशा बच्चों के जीवन को रोशन करता रहा है। लिहाजा धर्म और मजहब कोई भी क्यो ना हो हर कोई मां का आर्शीवाद लेकर ही कदम आगे बढाता है मगर हम आपको रूबरू करवा रहे है कुछ ऐसी माताओं से जिनके लिए संतानो से ज्यादा ड्यूटी प्यारी है तो कुछ माएं ऐसी भी है जो ड्यूटी के साथ-साथ परिवार के साथ सामंजस्य बिठाकर मां की भूमिका भी बेहतरीन तरीके से निभा रही है और डॉक्टर की ड्यूटी करते वक्त औरो की भी मां बन जाती है.
24 घंटे दिन रात करते देखभालउम्मेद अस्पताल की नर्सरी इकाई में भर्ती होने वाले गंभीर बच्चों को विशेष केयर की जरुरत होती है. चूंकि इन बच्चों को माताओं से अलग रखकर उनका उपचार किया जाता है। ऐसे में छोटे बच्चों को मां के स्पर्श की जरुरत के साथ-साथ उपचार की सभी आवश्यकताओं का ख्याल ये नर्सरी की माताएं रख रही हैं.जो इन गंभीर बच्चों को अपना मानकर इनकी दिन-रात सेवा कर रही हैं। जिसके बूते ये बच्चे स्वस्थ्य होकर अपने जीवन को जी रहे हैं.
क्या है नर्सरी और नर्सरी माताओं की भूमिका :नर्सरी अस्पताल की विशेषजहां पर समय से पहले जन्मे बीमार और गंभीर बच्चों को उपचार के लिए भर्ती किया जाता है। जहां उन्हें गहन चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जाती है। चूंकि नर्सरी में प्रीमेच्योर बेबी एवं कम वजन वाले बच्चे होते हैं। ऐसे बच्चों को गर्म रखना, कंगारु केयर देना, उनके साथ बॉन्डिंग रखना एवं अटैचमेंट रखना बड़ाटास्क होता है क्योंकि छोटे बच्चे अपनी मां का स्पर्श महसूस कर सकते हैं, ऐसे में उन्हें मां के समान स्पर्श एवं दुलार देनाइन नर्सरी माताओं के लिए बड़ी जिम्मेदारी होती है। गौरतलब है कि नर्सरी में भर्ती होने वाले बच्चों की माताएं बच्चों को कंगारु केयर देने में सक्षम नहीं होती है। इस कार्य को करने के लिए ट्रेंड नर्सिंग ऑफिसर अपना पूर्ण योगदान देते हैं क्योंकि नर्सरी में ऐसे बहुत से बच्चे होते हैं
पालन पोषण में अपना पूरा जीवन लगा देतेडॉ कविता चौधरी ने बताया कि आज के दिन को हम मदर्स डे के रूप में सेलिब्रेट करते हैं। मदर वह इंसान हैं जो किसी जिंदगी को इस दुनिया में लाने के लिए असहनीय कष्ट सहती है, उसके पालन पोषण में अपना पूरा जीवन लगा देती है, उसको संस्कारित करने के लिए अथक प्रयास करती है।एक मदर के प्रयास को इन सभी प्रयास को किसी 1 दिन परिभाषा पर नहीं किया जा सकता, लेकिन फिर भी हमारी ये कोशिश है कि हम एक मदर के प्रयास को को हम उनके लिए 1 दिन हम समर्पित कर सकें तो उसी के समर्पण के लिए हम आज के दिन को मदर श्रेय के रूप में सेलिब्रेट कर रहे हैं
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बच्चों की देखभाल में दिन-रात एक करती हैं इस हॉस्पिटल की डॉक्टर और अन्य स्टाफ