Panther#Moti Dungri#Forest Department# Search Operation – फिर नजर आया बघेरा,दहशत

मोती डूंगरी क्षेत्र में एक बार फिर बघेरे ने अपनी दस्तक दी है। इस बार मोती डूंगरी के गणेशनगर में इसे देखा गया। जिसके बाद कॉलेानी के निवासियों में दहशत फैल गई और लोग अपने घरों से बाहर आ गए और रात भर गश्त करने का फैसला किया।

फिर नजर आया बघेरा,दहशत
देर रात तक जारी रहा सर्च ऑपरेशन
नहीं मिला बघेरा
वन विभाग के साथ स्थानीय निवासी भी करते रहे बघेरे की तलाश
बघेरे ने किया बछड़े का शिकार, कई मोर और श्वान पहाड़ी क्षेत्र में मिले मृत
जयपुर
मोती डूंगरी क्षेत्र में तीन दिन बाद एक बार फिर बघेरे ने अपनी दस्तक दी है। इस बार मोती डूंगरी के गणेशनगर में इसे देखा गया। जिसके बाद कॉलेानी के निवासियों में दहशत फैल गई और लोग अपने घरों से बाहर आ गए और रात भर गश्त करने का फैसला किया। स्थानीय निवासियों ने वन विभाग को सूचित करने के साथ ही अपने स्तर पर ही बघेरे की तलाश की लेकिन वह नहीं मिल पाया। वहीं कैमरे में बघेरे को ट्रैप करने और स्थानीय निवासियों से मिली सूचना के बाद वन विभाग की टीम भी देर रात तक बघेरे को सर्च करती रही लेकिन वह उन्हें नजर नहीं आया। स्थानीय निवासियों का कहना था कि बघेरे ने कॉलोनी में एक बछड़े का शिकार किया है और पहाड़ी क्षेत्र में भी कई मोर और श्वान भी मरे मिले हैं साथ ही कुछ जब तक बघेरा पकड़ा नहीं जाता वह रातभर जागकर गश्त करेंगे क्योंकि यहां पीछे से घर खुले हुए हैं कहीं ऐसा ना हो कि बघेरा उनके घरों तक पहुंच जाए या किसी पर हमला कर दे। स्थानीय निवासी जय ने बताया कि जब वह घर पर खाना खा रहे थे उस दौरान उन्हें घर के पिछले हिस्से में आहट हुई थी ध्यान से देखने पर पता चला कि वह बघेरा था। उनका कहना था कि कई पशु पक्षी भी इस क्षेत्र में मरे मिले हैं संभावना है कि बघेरे ने ही इनका शिकार किया हो।
वहीं स्थानीय निवासी रजत ने बताया कि क्षेत्र में महादेव मंदिर के पास बघेरे को देखा गया था उसने एक बछड़े का शिकार भी किया है। अब हम अपने स्तर पर भी उसे तलाश रहे हैं। स्थानीय निवासी बघेरे की उपस्थिति को लेकर काफी चिंतित नजर आए। वहीं वन विभाग रात तकरीबन एक बजे तक बघेरे की तलाश में लगी रही लेकिन बघेरा नहीं मिला।
कैमरे में हुआ था ट्रैप
गौरतलब है कि 23 अक्टूबर को मोती डूंगरी की पहाडिय़ों में एक ऑटोचालक और पर्यटक नेहा ने सबसे पहले बघेरे को देखा था। नेहा ने उसका वीडियो भी बनाया था, इसके बाद रेंजर जनेश्वर चौधरी के नेतृत्व में वन विभाग की टीम मौके पर पंहुची थी और बघेरे की तलाश की थी लेकिन वह नजर नहीं आया, जिसके बाद वन विभाग ने यहां एक के बाद एक दो पिंजरे लगाए थे साथ ही कैमरा भी लगाया था, जिससे बघेरा यहां आए तो उसे ट्रेप किया जा सके। कैमरे में भी बघेरे को ट्रेप किया गया। जिसके बाद वन विभाग की टीम एक बार फिर अलर्ट मोड मेें आकर बघेरे की तलाश में जुट गई लेकिन देर रात बघेरा नहीं मिला।