Parshuram Mahadev Mandir: यहां परशुराम ने की थी तपस्या, प्रकृति खुद करती है भगवान शिव का जलाभिषेक, फरसे से किया था मंदिर निर्माण

Last Updated:February 26, 2025, 18:49 IST
Parshuram Mahadev Mandir: पाली जिले के अरावली पर्वतमाला में स्थित परशुराम महादेव मंदिर का निर्माण भगवान शिव के भक्त परशुराम ने फरसे से किया था. महाशिवरात्रि और सावन में यहां लाखों भक्त आते हैं.X
परशुराम महादेव मंदिर
हाइलाइट्स
परशुराम महादेव मंदिर पाली जिले के अरावली पर्वतमाला में स्थित है.मंदिर का निर्माण परशुराम ने फरसे से किया था.महाशिवरात्रि और सावन में लाखों भक्त आते हैं.
पाली. महाशिवरात्रि आती है तो देशभर में चमत्कारिक और ऐतिहासिक भगवान शिव के मंदिरो में जयकारों गूंज सुनाई देती है. ऐसे ही एक मंदिर के बारे में हम आपको बताएंगे जिसका निर्माण भगवान शिव के परम भक्त परशुराम ने अपने फरसे से किया था. जी हां हम बात कर रहे है पाली जिले के अरावली पर्वतमाला के मध्य ऐसे अनोखे मंदिर की जिसको परशुराम महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है.
फरसे से किया मंदिर का निर्माण माना जाता है कि त्रेता युग में परशुराम इस मंदिर में बनी गुफा के रास्ते से यहां आए थे. यहां बैठकर उन्होंने भगवान शिव की आराधना की और उन्हें प्रसन्न करके अमरत्व का वरदान व प्रसिद्ध फरसा सहित कई दिव्यास्त्र प्राप्त किए. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर का निर्माण परशुराम ने इसी फरसे से एक बड़ी चट्टान को काटकर किया था. बाद में, इस मंदिर का नाम परशुराम महादेव मंदिर पड़ा. गुफा का ऊपरी भाग गाय के थन के समान प्रतीत होता है. इस गुफा मंदिर के अंदर ही भोलेनाथ शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं.
इस मंदिर में खास है यह गोमुखयह मंदिर वैसे तो बहुत ही खास है मगर आपको बता दे कि शिवलिंग के ऊपर गोमुख है, जहां से प्राकृतिक रूप से शिवलिंग का जलाभिषेक होता है. परशुराम महादेव मंदिर भी एक ऐसा मंदिर है, जिसके दर्शन मात्र से दाम्पत्य जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं. परशुराम महादेव मंदिर पाली शहर के देसूरी गांव में मौजूद है. अरावली पर्वत श्रृंखला की गोद में बसा यह प्राचीन मंदिर भक्तों के साथ-साथ प्रकृति प्रेमियों के बीच में भी प्रसिद्ध है.
इस गुफा में की थी कठोर तपस्यामान्यता है कि भगवान विष्णु के अवतार परशुराम ने इस गुफा में भगवान शिव की कठोर तपस्या की थी. तपस्या के बाद परशुराम को आशीर्वाद के रूप में एक दिव्य धनुष और तीर प्राप्त हुआ था. कहा जाता है कि जो यहां सच्चे मन से दर्शन के लिए पहुंचता है, उसकी सभी परेशानी दूर हो जाती है. परशुराम महादेव मंदिर जिस तरह भक्तों को आकर्षित करता है, ठीक उसी तरह इस मंदिर की वास्तुकला भी भक्तों को आकर्षित करती है. मंदिर का मुख्य आकर्षण करीब 4 हजार फीट की ऊंचाई पर मौजूद है.
मंदिर पहुंचने के लिए चढनी पडती है 500 खड़ी सीढियांयह मंदिर एक गुफा में मौजूद है और पहुंचने के लिए करीब 500 खड़ी सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं. इस मंदिर की गुफा का संरचना काफी प्राचीन और अनोखी है. गुफा की दीवारों पर सुंदर नक्काशी की गई है. यहां राजस्थानी वास्तुकला की झलक भी देखने को मिलती है. परशुराम महादेव मंदिर पाली के साथ-साथ राजस्थान का भी एक पवित्र और प्रसिद्ध शिव मंदिर माना जाता है. यहां हर दिन हजारों की संख्या में भक्त दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं.
महाशिवरात्रि और सावन पर लगती है लाखों की भीड़महाशिवरात्रि और सावन के महीने में यहां सबसे अधिक भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं. सावन के प्रत्येक सोमवार को यहां कई भक्त गंगा जल अर्पित करने के लिए पहुंचते रहते हैं. सावन मास में मंदिर के आसपास मेला भी लगता है.
First Published :
February 26, 2025, 18:49 IST
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भगवान शिव का ऐसा चमत्कारिक मंदिर, परशुराम ने अपने फरसे से की थी स्थापना