Pashupalan Tips: ठंड में गाय-भैंस की देखभाल ऐसे करें कि बाल्टी भर दूध मिले, कई किसान नहीं जानते ये सीक्रेट

Last Updated:November 16, 2025, 23:18 IST
Pashupalan Winter Care Tips: सर्दियों में गाय-भैंस की सही देखभाल करने से दूध उत्पादन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होती है. उन्हें गर्म और सूखे शेड में रखना, संतुलित खुराक देना और गुनगुना पानी पिलाना बेहद जरूरी है. ठंड से जानवरों की ऊर्जा खर्च होती है, इसलिए पोषक आहार और उचित तापमान उन्हें स्वस्थ रखते हैं और दूध की मात्रा बढ़ाते हैं.
भीलवाड़ा: सर्दी का मौसम शुरू होते ही जहां आम जन जीवन पर इसका प्रभाव साफ तौर पर दिखने लगता है, वहीं इसका असर पशुधन पर भी काफी गहरा पड़ता है. इंसान अपने बचाव के लिए गर्म कपड़ों, हीटर या आग का सहारा ले लेते हैं, लेकिन पशु पूरी तरह अपने पशुपालकों पर निर्भर रहते हैं. ऐसे में सबसे बड़ी चुनौती यह होती है कि सर्दी के दिनों में गाय, भैंस और बकरियों की देखभाल किस तरह की जाए. कई बार जानकारी के अभाव में पशुपालक सही आहार और देखभाल नहीं कर पाते, जिससे दूध उत्पादन पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. जिस गाय भैंस बकरी बीमार पड़ जाती है और दूध का उत्पादन भी काम हो जाता है. जिसके बाद पशुपालकों को नुकसान उठाना पड़ता है.

पशुपालन विभाग के डॉक्टर अरुण कुमार सिंह ने बताया कि ठंड के मौसम में सबसे पहले आहार मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान देना जरूरी है. पशुओं को अधिक से अधिक हरा चारा देने की सलाह दी जाती है. हरे चारे में सूडान, नेपियर और लेमन घास बेहद फायदेमंद मानी जाती हैं. इसके साथ ही सहजन के पत्ते भी पशुओं को अवश्य खिलाने चाहिए, क्योंकि इनमें भरपूर प्रोटीन और कैल्शियम पाया जाता है, जो सर्दियों में शरीर को मजबूत बनाए रखने में मदद करता है. सही आहार मिलने से पशु न केवल स्वस्थ रहते हैं, बल्कि ठंड से होने वाली बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है.

ठंड के दिनों में पशुओं को सिर्फ हरा चारा ही नहीं बल्कि संतुलित सूखा आहार भी जरूरी होता है. पुवाल की कुट्टी में चोकर और खल्ली मिलाकर खिलाना काफी लाभकारी माना जाता है. इसे सुबह और शाम नियमित रूप से देना चाहिए, ताकि पशुओं को पर्याप्त ऊर्जा मिल सके. ऊर्जा की कमी होने पर पशु कमजोरी का शिकार हो जाते हैं और उनका चारा पचाने की क्षमता भी प्रभावित होती है. ठंडी हवाओं के कारण पशुओं का शरीर तापमान तेजी से घटता है, इसलिए ऊर्जा से भरपूर आहार उन्हें गर्म रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

सर्दियों में दूध उत्पादन घटने की समस्या पशुपालकों के सामने अक्सर आती है, लेकिन सही प्रबंधन से इसे नियंत्रित किया जा सकता है. आहार में पौष्टिक तत्वों की निरंतर आपूर्ति दूध उत्पादन बढ़ाने में सहायक होती है. गर्माहट प्रदान करने वाले पदार्थों का सेवन करवाने से पशुओं की शारीरिक क्षमता बनी रहती है. यदि पशु स्वस्थ रहेगा तो उसके दूध देने की क्षमता पर ठंड का कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ेगा. इसलिए आवश्यक है कि आहार में प्रोटीन, खनिज और ऊर्जा देने वाले तत्व संतुलित रूप से मौजूद हों और यह समय पर उपलब्ध भी कराए जाएं.

सर्दी के मौसम में गाय और भैंस को गुड़ खिलाना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। गुड़ शरीर में प्राकृतिक गर्माहट बढ़ाता है और पाचन प्रक्रिया को भी सुधारता है. इससे पशु सक्रिय रहते हैं तथा बीमारियों का खतरा काफी कम हो जाता है. पशुपालक अगर गुड़ को आहार का हिस्सा बनाते हैं तो दूध उत्पादन में गिरावट रुक सकती है और पशुओं का शरीर ठंड सहने योग्य बना रहता है. गुड़ में मौजूद मिनरल और आयरन पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं, जो सर्दियों में बेहद आवश्यक है.

पशुओं की आहार व्यवस्था के साथ-साथ उनकी देखरेख भी सर्दियों में उतनी ही महत्वपूर्ण है. पशु शेड को हवा से बचाने, सूखा रखने और गर्म वातावरण बनाए रखने की आवश्यकता होती है. रात के समय पशुओं को सूखी बिछावन उपलब्ध कराना जरूरी है, ताकि ठंडी जमीन का असर उनके शरीर पर न पड़े. इसके अलावा समय-समय पर साफ-सफाई और गर्म पानी पिलाने जैसे छोटे उपाय भी पशुओं को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण माने जाते हैं. यदि पशुपालक आहार और देखभाल दोनों पर बराबर ध्यान दें, तो सर्दियों में पशुधन पूरी तरह स्वस्थ रह सकता है.
First Published :
November 16, 2025, 23:18 IST
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Pashupalan Tips: ठंड में गाय-भैंस की ऐसी करें देखभाल कि दे रोज़ भर-भर कर दूध



