
इस दौरान कानाराम गुर्जर और हर्षिता ने कहा कि राष्ट्र हित में काम के लिए फौज या सरकारी नौकरी की आवश्यकता नहीं है। बल्कि किसी भी क्षेत्र में सकारात्मक काम कर राष्ट्र और समाज की सेवा की जा सकती है। शुभांगी कुमारी और सविता सौनी ने कहा कि वर्तमान में स्वामी विवेकानंद के बताए रास्ते पर चलकर राष्ट्र के निर्माण का काम कर सकते हैं। वहीं नवरत्न सैन ने कहा कि राष्ट्र के लिए कुछ करने से पहले युवाओं का आत्मनिर्भर होना जरूरी है। झारखंड के युवा शेखर सुमन ने चिंता जताते हुए कहा कि हाल ही में एक सरकारी योजना के विरोध में सैकड़ों युवाओं ने राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाया, ऐसे युवाओं को मनन करना चाहिए कि वह किस तरह राष्ट्र का अहित कर रहे हैं।

टॉक शो में हिस्सा लेते हुए संस्थान सचिव रामदयाल सैन ने कहा कि देश का कोई भी व्यक्ति यदि ईमानदारी से अपना सकारात्मक काम कर रहा है तो यही राष्ट्रहित और राष्ट्रभक्ति है। लोकेश सैनी ने कहा कि देश के युवा अपने गांव, कस्बे में रहकर जरूरतमंदों तक सरकारी योजनाओं का फायदा पहुंचाकर सरलता से राष्ट्र की सेवा कर सकते हैं। नरेन्द्र परिहार और अमर सिंह ने कहा कि नशे की लत युवाओं में आम होती जा रही है। ऐसे में हजारों की संख्या में युवा गलत रास्ते पर चल पड़े हैं। इन्हें सही रास्ते पर लाने के प्रयास होने चाहिए। आशा मीणा ने कहा कि युवा बेरोजगारी के कारण राष्ट्र हित पर फोकस नहीं कर पा रहे। जितेन्द्र खोरियान और कजोड़ सैनी ने राष्ट्र हित की दिशा में काम करना चाह रहे युवाओं को सरकारी सहयोग मिलने की जरूरत बताई। वहीं दिनेश चंद सैनी, कुलदीप वर्मा और जगमोहन ने युवाओं की एकजुटता पर बल दिया। टॉक शो का मॉडरेशन सोशल कनेक्ट प्रभारी शैलेंद्र शर्मा ने किया।