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pcos: मिडिल एज में लग सकती है भूलने की बीमारी

बीते दिनों जर्नल न्यूरोलॉजी में प्रकाशित एक शोध में यह बताया गया है कि पीसीओएस एक हार्मोनल डिसऑर्डर है, जो अनियमित मासिक धर्म और एण्ड्रोजन नामक हार्मोन के बढ़े हुए स्तर से होता है। इसमें रोगी को मुंहासे, बांझपन और खराब चयापचय जैसी स्वास्थ्य समस्‍याएं आ सकती है। अमेरिका के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के एमडी, अध्ययन लेखक हीथर जी. हडलस्टन ने कहा, “पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम एक सामान्य प्रजनन विकार है जो लगभग 10 प्रतिशत महिलाओं को प्रभावित करता है।

मोटापे संबंधी परेशानी

इसे मोटापे और मधुमेह जैसी चयापचय संबंधी बीमारियों से जोड़ा गया है जो हृदय की समस्याओं का कारण बन सकती हैं, लेकिन इस बारे में कम ही जानकारी है कि यह स्थिति मस्तिष्क के स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करती है। हमारे परिणाम बताते हैं कि इस समस्‍या से जूूझ रही महिलाओं की याददाश्त और सोचने की क्षमता कम हो जाती है और मध्य जीवन में इसका ज्‍यादा असर देखने को मिलता है।

महिला के जीवन की गुणवत्ता

शोध में कहा गया है कि यह विकार किसी महिला की जीवन की गुणवत्ता, करियर की सफलता और वित्तीय सुरक्षा में बाधा नहीं बन सकता। इस शोध में 907 महिलाओं को शामिल किया गया। जिनकी आयु 18 से 30 वर्ष के बीच थी। शोध के दौरान महिलाओं को विभिन्न रंगों में शब्दों की एक सूची दिखाई गई और शब्द को पढ़ने के बजाय उसके रंग की पहचान करने के लिए कहा गया। इस परीक्षण में शोधकर्ताओं ने पाया कि पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं का औसत स्कोर बिना इस स्थिति वाले लोगों की तुलना में लगभग 11 प्रतिशत कम था।

स्मृति पर ऐसे पड़ता है असर

शोधकर्ताओं ने पाया कि पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं को स्मृति, ध्यान और मौखिक क्षमताओं में विशेष रूप से पांच परीक्षणों में से तीन में इस स्थिति से रहित लोगों की तुलना में कम स्कोर मिला। हडलस्टन ने कहा, “इस समस्‍या से निपटने में कार्डियोवैस्कुलर एक्सरसाइज सहायक हो सकती है।

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