Pehlagham Terrorist Attack: कश्मीर में POK तो पश्चिम सीमा में छाछरो को भारत में शामिल करने की मांग,1971 में छाछरो था बाड़मेर कलेक्टर-एसपी के अधीन

Last Updated:April 27, 2025, 15:39 IST
Shimla Agreement: 1971 में भारत ने छाछरो पर कब्जा किया, लेकिन शिमला समझौते से वापस लौटा दिया. अब पीओके और सिंध को भारत में मिलाने की मांग तेज हो गई है. 1 लाख पाक विस्थापित बाड़मेर-जैसलमेर में बसे हैं.X
छाछरो गांव निवासी
बाड़मेर. जब सरहदों पर खींची लकीरें दिलों को बांट देती है, तब कश्मीर की वादियों से लेकर सिंध की सभ्यता तक हर मिट्टी की पुकार एक ही होती है ‘अपने वतन की गोद में लौट आने की.’ 1971 में छाछरो की धरती ने भारत का परचम थामा और बाड़मेर की छांव में सांस ली लेकिन शिमला समझौते की स्याही ने उसे फिर पराया कर दिया. पीओके आज भी भारत मां की बेटी बनने को बेकरार है और सिंध की गंगा-जमुनी तहजीब अपने पुरखों की धरोहर को गले लगाने को आतुर. यह कहानी नक्शों की नहीं, उन अनगिनत बलिदानों की है, जो सीमाओं पर बिखरे हैं और उन आंसुओं की जो हर भारतीय के दिल में एक अखंड भारत का सपना संजोए हैं.
जम्मू कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के बाद कश्मीर में पीओके को भारत में शामिल करने की मांग तेज हो गई है. वहीं पश्चिम सरहद पर 1971 के युद्ध में जीते गए सिंध को भारत में मिलाने की मांग उठने लगी है. शिमला समझौते के कारण छाछरो तक का क्षेत्र पाकिस्तान को वापस लौटा दिया गया. छाछरो पाकिस्तान से विस्थापित होकर बाड़मेर आए, पदमसिंह बताते हैं कि 1971 के युद्ध मे भारतीय सेना ने ब्रिगेडियर भवानी सिंह के नेतृत्व में पाकिस्तान के छाछरो तक पहुंच गई थी. दिसंबर 1971 में सेना ने करीब 100 किमी भीतर तक छाछरो क्षेत्र को कब्जे में ले लिया था.
सिंध में फिर हो सर्जिकल स्ट्राइकयहां पर बाड़मेर जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के प्रतिनिधि बैठते थे. भारतीय सेना ने छाछरो फतेह करने के बाद बाड़मेर के उप अधीक्षक सुखसिंह भाटी को छाछरो का एसपी बनाया गया. पुलिस निरीक्षक चंदन सिंह भाटी पिथला को इंसेंटिव पुलिस उप अधीक्षक नियुक्त किया गया. 2 जुलाई 1972 को शिमला समझौते के बाद यह जमीन पाकिस्तान को वापस लौटा दी गई. वे कहते हैं कि अब पाकिस्तान जब आतंकी गतिविधियों से बाज नहीं आ रहा है तो भारत केवल पीओके पर ही ध्यान न देकर सिंध को भी फिर से सर्जिकल स्ट्राइक कर कब्जे में लें.
पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान की ओर से शिमला समझौता रद्द किया गया है तो ऐसे में सिंध प्रांत को फिर से भारत में शामिल करने की मांग तेज हो गई है. पाकिस्तान के सिंध इलाके के मीठी, छाछरो, छोर हिन्दू बाहुल्य आबादी वाले इलाके हैं. 1971 के युद्ध में करीब 33 हजार से अधिक हिन्दू परिवार पाकिस्तान छोड़कर भारत आकर बस गए. इतना ही नहीं पाकिस्तान के जुल्मों से आहत होकर अब तक 1 लाख पाक विस्थापित सिंध से बाड़मेर-जैसलमेर आकर बस गए हैं.
Location :
Barmer,Barmer,Rajasthan
First Published :
April 27, 2025, 13:48 IST
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इस लिए हुआ था शिमला समझौता, जब भारतीय सेना ने सिंध किया था फतेह