इस महंगी लकड़ी की लोग कर रहे हैं फार्मिंग, बिकती है सागवान की तरह महंगी

रिपोर्ट- सोनाली भाटी
जालौर: बात जब मजबूत और टिकाऊ लकड़ी की होती है तो सागवान या सागौन का नाम सबसे ऊपर आता है. हालांकि, इधर कुछ सालों से इस मामले में मोहगनी सागौन को टक्कर दे रही है. भूरे रंग की मजबूत लकड़ी और बहुपयोगी गुणों के कारण महोगनी अब सागौन को सीधी टक्कर दे रहा है. महोगनी और सागवान दोनों ही पेड़ लकड़ी के मामले में बेहद खास माने जाते हैं. इनकी लकड़ी न केवल मजबूत और टिकाऊ होती है, बल्कि इनका उपयोग फर्नीचर, जहाज़ निर्माण, सजावट और कई अन्य चीज़ों में होता है.
सागवान का नाम वर्षों से ऊंची कीमत और बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाना जाता है. अब महोगनी भी इस दौड़ में तेजी से अपनी जगह बना रही है. महोगनी की लकड़ी की खासियत इसका भूरे रंग का मजबूत और आकर्षक बनावट है जो इसे सागवान की बराबरी का पेड़ बनाती है. बाजार में इसकी अच्छी मांग भी है. इस वजह से कई किसान अब महोगनी के पेड़ लगाते हैं. कुछ जो सागवान लगाते आ रहे थे उन लोगों ने भी कुछ हिस्सों में महोगनी का पेड़ लगवाया है.
महोगनी की लकड़ी की कीमतजालौर की माता रानी भटियाणी नर्सरी के संचालक भरत सिंह राजपुरोहित ने लोकल 18 को बताया कि महोगनी की लकड़ी की कीमत होलसेल में 2,000 से 2,200 रुपये प्रति घन फुट होती है, जो इसे सागवान के विकल्प के रूप में प्रस्तुत करती है. सागवान की तरह महोगनी का भी उपयोग फर्नीचर, प्लाईवुड, मूर्तियों और जहाज़ निर्माण में होता है. इसके अलावा महोगनी के बीज और पत्तों से निकाले गए तेल का उपयोग कीटनाशक और मच्छर भगाने वाले उत्पादों में किया जाता है जो इसे कृषि और स्वच्छता क्षेत्र में भी लाभदायक बनाता है. इस पेड़ को महोगनी, मंगोनिया और मांगोनी आदि नामों से भी जाना जाता है.
पेड़ तैयार होने में लगता है 12 सालमहोगनी का पेड़ पूरी तरह तैयार होने में 12 साल का समय लेता है और इस अवधि के बाद यह पेड़ 25 क्यूबिक फीट लकड़ी प्रदान करता है. इसकी लकड़ी सागवान की तरह ही बाजार में ऊंची कीमत पर बिकती है. दोनों पेड़ अपनी-अपनी विशेषताओं के साथ लकड़ी के बाजार में एक मजबूत उपस्थिति रखते हैं लेकिन महोगनी की औषधीय और आर्थिक उपयोगिता इसे सागवान का एक उत्कृष्ट प्रतिस्पर्धी बनाती है.
महोगनी के पेड़ का हर हिस्सा बाजार के लिहाज से लाभदायक साबित होता है. चाहे वह लकड़ी हो, बीज या तेल. महोगनी का पेड़ पूरी तरह से उपयोगी और लाभकारी है. इसी कारण महोगनी आज सागवान के बराबर खड़ा होकर अपनी जगह बना रहा है.
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FIRST PUBLISHED : October 14, 2024, 18:33 IST