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बीकानेर की अनोखी परंपरा! इस जाति के युवा रस्सी काटकर होली का करते हैं समापन, लोगों की उमड़ती है हुजूम

Last Updated:March 15, 2025, 15:05 IST

Bikaner Rajasthan Holi Tradition: बीकानेर में होली के दौरान एक खास परंपरा निभाई जाती है. इस परंपरा के बाद ही होली का समापन माना जाता है. बीकानेर में होली पर तणी तोड़ने की परंपरा है. रियासतकाल से यह परंपरा चली आ …और पढ़ेंX
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जोशी जाति के पुरुष की जोर से तणी को काटा जाता है.

हाइलाइट्स

बीकानेर में होली पर तणी तोड़ने की परंपरा है.जोशी जाति के पुरुष तणी काटते हैं.तणी काटने से होली का समापन माना जाता है.

बीकानेर. राजस्थान के बीकानेर की होली अपने आप में  अनूठी है. यहां अलग तरह से होली खेली जाती है. यहां होली को लेकर कई तरह की परंपराएं हैं, जिसका शहरवासी आज भी उत्साह से निर्वहन कर रहे है. यहां होली पर एक ऐसी अनोखी परंपरा होती है. इस परंपरा के बाद ही होली का समापन माना जाता है.

बीकानेर में होली पर तणी तोड़ने की परंपरा है, जो रियासतकाल समय से चली आ रही है. रियासतकाल से बारहगुवाड़ गुवाड़ चौक स्थित सूरदासाणी मोहलते में तणी काटने की परंपरा का आयोजन होता था.

जोशी जाति के पुरुष काटते हैं तणी

वर्ष 1993 से नत्थूसर गेट के बाहर इसका आयोजन हो रहा है. अब हर साल धुलंडी के दिन नत्थूसर गेट के बाहर इसका आयोजन होता है. पुष्करणा समाज की विभिन्न जातियों की खासी दिलचस्प होती है. परंपरागत रूप से जोशी जाति के पुरुष की जोर से तणी को काटा जाता है. जगी कटने के दौरान हवा में उछाली जाने वाले गुलाल से महौल अतरंगी हो जाता है. तणी काटने से कई परंपराए जुडी हुई हैं. यह तणी जोशी जाति के पुरुष की ओर से ही काटी जाती है. तणी काटने वाला पुरुष किराडू जाति के पुरुषों के कंधों पर खड़े होकर तणी काटता है. पूजन सूरवासाणी पुरोहित जाति की ओर से किया जाता है. ओझा, छंगाणी, सूरवासाणी, किराडू, जोशी सहित समाज की विभिन्न जातियों के लोग पारंपरिक गैर में शामिल होते हैं.

कई घटों की मेहनत से तणी होता है तैयार

गेर पहुंचने के बाद ही तणी काटने की रस्म प्रारंभ होती है. तणी आयोजन से जुड़े राधेश्याम व्यास ने बताया कि तणी तैयार करने में सात किलोग्राम मूंझ का उपयोग होता है. मूंझ को बटकर करीब 20 फीट लंबाई में तणी तैयार की जाती है. कई घंटों की मेहनत के बाद तणी तैयार होती है. करीब पांच से छह घंटे तक तैयार तणी को पानी में भिंगोकर रखा जाता है. इसके बाद इसे नत्थूसर गेट के बाहर बांधा जाता है. तणी के साथ तोरण, कांकण होरा, दूध-दही की हांडी आदि भी बांधे जाते हैं. सूरदासाणी पुरोहित जाति की ओर से तणी परंपरा को प्रारंभ करने में तणी बांधी जाती है.


Location :

Bikaner,Rajasthan

First Published :

March 15, 2025, 15:05 IST

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बीकानेर की खास परंपरा! इस समुदाय के युवा रस्सी काटकर होली का करते हैं समापन

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