Phed – बांधों के पानी की सुरक्षा के लिए गंभीर सरकार—प्रदेश के 100 से ज्यादा बड़े बांधों के पानी की होगी जांच

मार्च तक जयपुर स्थित जल संसाधन विभाग में होगी जांच प्रयोगशाला स्थापित
17 करोड़ की लागत से बनेगी प्रयोगशाला
पानी खेती की सिचाई और पीने योग्य है या नहीं तय होगा जांच से

जयपुर।
जलदाय विभाग पेयजल की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए समय समय पर पानी के सैंपल लेकर जांच करता है। उसी तरह से अब जल संसाधन विभाग भी पहली बार प्रदेश के 100 से ज्यादा बड़े बाधों के पानी की गुणवत्ता जांच करेगा। जिससे यह तय हो सके कि बांधों का पानी खेती की सिचाई करने और पीने योग्य है भी या नहीं।
जल संसाधन विभाग जयपुर स्थित मुख्यालय में 17 करोड़ रुपए की लागत से जांच प्रयोगशाला स्थापित करने जा रहा है। यह प्रयोगशाला मार्च तक काम करना शुरू कर देगी। जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों ने बताया कि प्रत्येक वर्ष मानसून समाप्ति के बाद बांधों से पानी के सैंपल लिए जाएंगे। जिससे यह पता किया जा सके कि बांधों में बारिश का जो पानी आया है वह कितना छारीय है,पीएच और नाइट्रेट का स्तर क्या है। क्योंकि पानी खेती के योग्य नहीं है तो इसके उपयोग से फसल खराब भी हो सकती है। वहीं पेयजल के काम में लेने पर लोगों की सेहत पर भी विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए गुणवत्ता के हिसाब से मापदंड तय करने वाली सभी जांच की जाएगी।
प्रदेश में बीसलपुर समेत 25 से ज्यादा बांधों से पेयजल के लिए पानी की सप्लाई होती है। ऐसे में बांधों की गुणवत्ता जांच करना बेहद जरूरी है। विभाग के ही एक इंजीनियर ने बताया कि विदेशों में एक दूसरे देश पर हमला करने के तरीके बदल रहे हैं। हमलों की श्रेणी में जैविक हमला करने की भी आंशका रहती है। ऐसे में बांधों के पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए समय समय पर जांच होना जरूरी है।