PLA begins Taiwan reunification operation rehearsal: Warships surround | PLA ने शुरू की Taiwan reunification operation की रिहर्सल: युद्धपोतों ने ताइवान को छह तरफ से घेरा, चीन आज वो करेगा जो अब तक नहीं किया…
पहली बार ताइवान के ऊपर से मिसाइल परीक्षण कर सकता है ताइवान नैन्सी पेलोसी ने ताइवान की राजनयिक यात्रा के बाद बीजिंग में गहरी नाराजगी है और उसने जवाबी सैन्य कार्रवाई की धमकी दी है। पेलोसी के जाने के तुरंत बाद चीन के 27 युद्धक विमानों ने ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में प्रवेश किया। कुल मिलाकर, 16 रूसी निर्मित एसयू -30 जेट सहित 27 लड़ाकू विमानों ने क्षेत्र में प्रवेश किया, जिससे ताइपे ने भी रक्षात्मक कदम उठाए। चीन की ये घुसपैठ रविवार 7 अगस्त तक होने वाले चीन के उस विशाल युद्ध खेल यानी रिहर्सल का हिस्सा है, जिससे अंतर्गत एक प्रभावी नाकाबंदी कर चीन आज पूरे ताइवान द्वीप को घेर लेगा और ताइवान की क्षेत्रीय जल में सीमा में भी प्रविष्ट हो जाएगा। चीन ने ताइवान की इस तरह से नाकेबंदी पहले कभी नहीं की है। ताइवान को छह ओर से चीनी युद्धपोतों ने घेर लिया है। आशंका है कि आज चीन पहली बार ताइवान के ऊपर से मिसाइल परीक्षण कर सकता है।
नहीं है किसी खतरे का डर: ताइवान वहीं ताइवान की ओर से इस खतरे पर कहा गया है कि ‘हमें किसी खतरे या चुनौती का डर नहीं है। हम किसी लड़ाई के लिए उत्सुक नहीं हैं, और न ही किसी लड़ाई से कतराएंगे। हमारे पास अपनी मूल्यवान स्वतंत्रता और लोकतंत्र को बनाए रखने और अपने क्षेत्र की स्थिरता बनाए रखने की क्षमता और इच्छाशक्ति है।” इस बीच, जी-7 देशों के समूह ने ताइवान द्वीप के चारों ओर चीन द्वारा घोषित सैन्य अभ्यास की निंदा करते हुए एक बयान में कहा: ‘ताइवान जलडमरूमध्य में आक्रामक सैन्य गतिविधि को इस यात्रा के बहाने करने का कोई औचित्य नहीं है।’
बुधवार से शुरू हो गया सैन्य अभ्यास चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा ताइवान द्वीप के आसपास संयुक्त सैन्य अभ्यास बुधवार को शुरू कर दिया गया है और इसके अंतर्गत ताइवान का पूरी दुनिया से संपर्क काट दिया गया है और इस संयुक्त नाकाबंदी में समुद्री, जमीना और हवाई हर तरह की नाकेबंदी की गई है, जिसमें जे -20 स्टील्थ फाइटर जेट और डीएफ -17 सहित उन्नत हथियारों का उपयोग किया जा रहा है। माना जा रहा है कि चीन इस दौरान हाइपरसोनिक मिसाइलों को भी दाग सकता है।
अभूतपूर्व वार ड्रिल चीनी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने दावा किया है कि यह युद्धाभ्यास अभूतपूर्व है क्योंकि पीएलए की पारंपरिक मिसाइलों के पहली बार ताइवान द्वीप पर उड़ान भरने की आशंका जताई जा रही है। ग्लोबल टाइम्स अखबार का दावा है कि पीएलए यानी चीनी सेना इस दौरान ताइवानी द्वीप के 12 समुद्री मील से भी भीतर क्षेत्र में प्रवेश कर सकते हैं और इस दौरान चीन तथा ताइवान के मध्य कथित मीडियन लाइन का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। माना जा रहा है कि चीन इस ड्रिल के माध्यम से ताइवान पर पूर्ण नियंत्रण को प्रदर्शित करने का अभ्यास करेगा। पीएलए द्वारा जारी इस प्रेस रिलीज में कहा गया है कि संयुक्त नाकाबंदी में ताइवानी रीयूनिफिकेशन के लिए समुद्री हमला, भूमि पर हमला और हवाई युद्ध अभ्यास इस ऑपरेशन के मूल में हैं। इस अभ्यास से सैनिकों की संयुक्त ऑपरेशन की क्षमताओं का परीक्षण किया जाएगा। प्रेस रिलीज में दावा किया गया है कि इस ड्रिल में J-20 स्टील्थ फाइटर जेट, H-6K बॉम्बर, J-11 फाइटर जेट, टाइप 052D डिस्ट्रॉयर, टाइप 056A कार्वेट और DF-11 शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल इस्तेमाल किए जाएंगे।चाइना सेंट्रल टेलीविजन की एक रिपोर्ट के अनुसार, इसमें अर्ली वार्निंग एयरक्राफ्ट और DF-17 हाइपरसोनिक मिसाइल भी अभ्यास में शामिल हैं।
इलाके से गुजरने वाले सभी यात्री विमानों पर रोक चीन के द्वारा 7 अगस्त रविवार तक किए जा रहे ताइवान के चारों ओर इस जोरदार युद्धाभ्यास के इस इलाके से गुजरने वाले सभी यात्री विमानों को रोक दिया है। यही नहीं चीन की नौसेना ताइवान की मुख्यभूमि से मात्र 9 समुद्री मील की दूरी तक पर भी अभ्यास करने जा रही है, जो कि ताइवानी जलक्षेत्र यानी 12 समुद्री मील सीमा का सीधा उल्लंघन है। चीन के इस कदम से ताइवान के मुख्य बंदरगाहों के लिए खतरा पैदा हो गया है। चीन के इस उकसावे भरे कदम से ताइवान के साथ दुनिया सहमी हुई है और दुनिया को एक और यूक्रेन संकट का खतरा डरा रहा है।
27 फाइटर जेट से कराया ताकत का अहसास
चीन ने बुधवार को ताइवान के हवाई क्षेत्र में अपने 27 फाइटर जेट भेजकर अपनी जोरदार ताकत से दुनिया को अहसास करा दिया। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया 22 चीनी फाइटर जेट ने मेडियल लाइन को पार किया जो दोनों के बीच में एक अघोषित सीमा है। यह पिछले दो साल में अपने आप में एक अप्रत्याशित संख्या है।
चीन ताइवान से मात्र 22 किमी की दूरी पर अभ्यास करने जा रहा
बता दें, ताइवान एक द्वीप है और वह केवल समुद्र और हवा के जरिए ही दुनिया के साथ संपर्क में हैं। ऐसा में चीन का ताइवान से मात्र 22 किमी की दूरी पर अभ्यास करना कई आशंकाओं को जन्म दे रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि चीन अब वहां जा रहा है जहां तक वह पहले कभी नहीं गया था। चीन अपने घातक हथियारों को ताइवान के तट के पास ले जा रहा है।
क्या ताइवान के ऊपर से गुजरेंगे चीन के फाइटर… डर यह भी सता रहा है कि चीन ताइवान के ऊपर से अपने फाइटर जेट को उड़ा सकता है। यही वजह है कि ताइवान की सेना भी पूरी तरह से अलर्ट है और अमरीका ने भी अपने महाविनाशक युद्धपोतों को ताइवान के चारों ओर तैनात कर रखा है। कहा यह जा रहा है कि चीन अपनी हाइपरसोनिक मिसाइल को भी ताइवान के पास टेस्ट कर सकता है। चीन के एक घातक युद्धपोत को तो ताइवान के बेहद करीब देखा गया है जो हाइपरसोनिक मिसाइलों से लैस है। बताया जा रहा है कि इस मिसाइल की काट अभी किसी देश के पास नहीं है। चीन के इस कदम से दुनिया में डर का माहौल है और दूसरे ‘यूक्रेन युद्ध’ का खतरा सताने लगा है।

