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PM Modi: क्या ऑपरेशन सिंदूर खत्म हो गया, क्या ट्रंप ने पंचायत कराई, अब क्या होगा, पीएम मोदी ने सब क्लियर कर दिया

ऑपरेशन सिंदूर: पीएम मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन से ऑपरेशन सिंदूर से लेकर सीजफायर तक सबकुछ साफ हो गया. ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान में तबाही की आहट दे दी है. पीएम मोदी के संबोधन से स्पष्ट हो गया है कि ऑपरेशन सिंदूर रुका जरूर है, लेकिन खत्म नहीं हुआ है. लेकिन आखिरकार ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को बचा भी लिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और भारत की आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ नीति को दर्शाया है. यह संबोधन 6 मई की रात और 7 मई की सुबह भारत के ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई और 10 मई को सीजफायर के बाद आया है. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए न केवल ऑपरेशन की स्थिति स्पष्ट की, बल्कि भविष्य की दिशा भी तय की. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ऑपरेशन सिंदूर खत्म हो गया, क्या ट्रंप ने पंचायत कराई, अब आगे क्या होगा?

क्या खत्म हुआ ऑपरेशन सिंदूर?भारत ने 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले में 26 हिंदुओं की मौत के बाद 6 मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया. भारत ने इस ऑपरेशन में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया. इसमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के 100 से अधिक आतंकी मारे गए. पीएम मोदी के संबोधन से साफ झलकता है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ है, बल्कि यह आतंकवाद के खिलाफ अब नया आयाम स्थापित करेगा. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘जब हमारे मिसाइलों और ड्रोनों ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, तो न केवल उनकी इमारतें, बल्कि उनका हौसला भी ध्वस्त हुआ.’ यह संकेत देता है कि भारत भविष्य में भी ऐसी कार्रवाइयों के लिए तैयार है.

ट्रंप की पंचायत या मध्यस्थता का दबाव?पीएम मोदी के संबोधन से साफ झलकता है कि पाकिस्तान अमेरिका के सामने ने केवल गिरगिराया बल्कि भारत के सैन्य कार्रवाई से घबराकर परमाणु हमले की बात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से करने लगा.आखिरकार अमेरिका को लगा है कि अगर वाकई में पाकिस्तान ऐसा काम करता है तो यह मानवता के लिए सही नहीं होगा. ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच 10 मई को युद्धविराम की मध्यस्थता की, जिसे उन्होंने ‘परमाणु युद्ध को रोकने’ का दावा किया.

ट्रंप ने कहा कि व्यापार दबाव के कारण दोनों देशों ने युद्धविराम स्वीकार किया. हालांकि, भारत ने कश्मीर पर मध्यस्थता के प्रस्ताव को खारिज कर दिया, यह कहते हुए कि यह द्विपक्षीय मुद्दा है. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में ट्रंप की भूमिका को नजरअंदाज करते हुए कहा, ‘पाकिस्तान ने हमसे हमले रोकने की गुहार लगाई, लेकिन हमने तब तक इंतजार किया जब तक उन्होंने अपनी हरकतें बंद करने का वादा नहीं किया.’ यह दर्शाता है कि भारत ने ट्रंप की ‘पंचायत’ को स्वीकार करने के बजाय अपनी शर्तों पर युद्धविराम माना.

पीएम मोदी की ललकारमोदी के संबोधन में पाकिस्तान को स्पष्ट चेतावनी दी गई. पीएम मोदी ने कहा, ‘टेरर और ट्रेड एक साथ नहीं हो सकते, टेरर और टॉक एक साथ नहीं हो सके इसी तरह खून और पानी भी एक साथ नहीं बह सकते.’ इससे साफ संकेत मिलता है कि सिंधु जलसंधि पर पाकिस्तान की अब बोलती बंद होने वाली है. पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर को देश की माताओं, बहनों और बेटियों को समर्पित किया, जो पहलगाम हमले में विधवाओं की पीड़ा का प्रतीक था. उनकी यह भावनात्मक अपील ने जनता के बीच राष्ट्रवादी उफान को बढ़ाया. उन्होंने सशस्त्र बलों, खुफिया एजेंसियों और वैज्ञानिकों की सराहना की, जिन्होंने ऑपरेशन को सफल बनाया. मोदी ने कहा, ‘हमने सेना को खुली छूट दी थी और आज आतंकी ठिकानों को मिट्टी में मिला दिया गया.’

अब आगे क्या?मोदी के संबोधन ने भारत की भविष्य की नीति को स्पष्ट किया. आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस यानी शून्य सहिष्णुता की नीति कायम रहेगी. पीएम मोदी ने संकेत दिया ऑपरेशन सिंदूर से भारत ने आतंकी ठिकानों का विनाश, सिंधु जल संधि को आतंकवाद से जोड़ना और पाकिस्तान के दिल में हमला के उद्देश्य हासिल किए. युद्धविराम के बावजूद भारत ने कहा कि उसकी सेनाएं उच्च सतर्कता पर हैं. पीएम मोदी का संबोधन ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का उत्सव और पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी था. उन्होंने ट्रंप की मध्यस्थता को कम महत्व देते हुए भारत की संप्रभुता और आत्मनिर्भरता पर जोर दिया. ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल आतंकी ढांचे को ध्वस्त किया, बल्कि भारत की सामरिक श्रेष्ठता को भी स्थापित किया.

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