Political parties are liking Rajasthan to contemplate, BJP, Congress | चिंतन के लिए राजनीतिक दलों को रास आ रहा राजस्थान! BJP भी 20-21 मई को जयपुर में करेगी मंथन, 13 मई को Congress का चिंतन!!
कोविड के बाद पहली आमने -सामने की बैठक, जेपी नड्डा करेंगे अध्यक्षता कोविड महामारी के बाद भाजपा की इस पहली आमने-सामने हो रही बैठक की अध्यक्षता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा करेंगे। भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, बैठक के पहले दिन सभी राष्ट्रीय पदाधिकारियों के साथ ही राज्यों के पार्टी अध्यक्ष, प्रभारी और संगठन महामंत्री मौजूद रहेंगे जबकि दूसरे दिन संगठन महासचिवों के साथ अलग से बैठक होगी। अभी ये तय नहीं हुआ है कि बैठक कहां होगी।
सभी राज्यों के पार्टी अध्यक्षों को मिले खास निर्देश भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने सभी राज्यों के पार्टी अध्यक्षों को पत्र लिखकर अपने यहां की गतिविधियों की विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है। बैठक का एजेंडा बाद में अलग से सभी को भेजा जाएगा। पार्टी पदाधिकारियों की बैठक की घोषणा से आगामी चुनावों में भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए राजस्थान का महत्व बढ़ गया है। प्रदेश में आगामी दिनों में विधानसभा और राज्यसभा के चुनाव हैं।

जोधपुर और फिर भीलवाड़ा, कानून व्यवस्था को लेकर भाजपा बनी हुई है हमलावर दरअसल, कांग्रेस के लिए छत्तीसगढ़ और राजस्थान दो ही राज्य ऐसे बचे हैं, जहां उसकी बहुमत से सरकार है। इसके अलावा झारखंड, तमिलनाडु व महाराष्ट्र में वह गठबंधन सरकार का हिस्सा है। फिर, छत्तीसगढ़ जैसे छोटे राज्य की तुलना में राजस्थान एक मात्र बड़ा राज्य बचता है, जहां सरकार की नीतियों के आधार पर वह देश की जनता के सामने जा सकती है। ऐसे में राजस्थान दोनों राजनीतिक दलों के लिए अहम हो गया है। राज्य में हो रही सांप्रदायिक हिंसा और कानून व्यवस्था को लेकर भाजपा हमलावर है।
सियासत का तापमान बढ़ना तय, कई राज्यों में अब भी भाजपा और कांग्रेस के बीच है सीधी टक्कर कई ऐसे राज्य हैं, जहां दोनों पार्टियों में ही आमना-सामना है। इस साल के अंत में गुजरात और हिमाचल प्रदेश और अगले साल कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर है। अगले साल के अंत तक राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में भी विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच होना तय है। इसके साथ ही कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव में भी खुद को भाजपा के खिलाफ प्रमुख प्रतिद्वंदी के रूप में पेश करना चाहती है। ऐसे में कांग्रेस के लिए ये चिंतन शिविर बेहद अहम होने जा रहा है। कई बड़ी घोषणाओं से देश और प्रदेश की राजनीति का तापमान बढ़ना तय माना जा रहा है।