Jaipur-Mumbai Train Firing: परिवार का इकलौता सहारा थे असगर, बच्चों का एक ही सवाल ‘पापा को क्यों मारा?’

जयपुर. जयपुर-मुंबई ट्रेन (Jaipur-Mumbai Train Firing) में रेलवे पुलिस कांस्टेबल चेतन सिंह द्वारा फायरिंग में मारे गए असगर अली का जनाजा बुधवार को राजधानी जयपुर पहुंचा. इस दौरान परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया. परिवार का एक ही सहारा असगर था, वो भी दो पैसे कमाने के लिए मुंबई गया था. बेटियों को, बच्चों को वादा किया था कि कुछ काम मिला और पैसे कमाये तो परिवार जल्दी ही मुंबई शिफ्ट होगा. शास्त्री नगर के भट्टा बस्ती में किराए के मकान में रह रहे उसके परिवार में चार बेटियां हैं और एक बेटा है.
सभी बच्चे अभी काफी कम उम्र के हैं और किराए के मकान में रहते हैं. असगर के बाकि के परिजन भी बिहार, हैदराबाद, मुबई से भी जयपुर पहुंचे. स्थानीय लोगों और कुछ सामाजिक संगठनों ने मौके पर गहरी नाराजगी व्यक्त की. उनका कहना था कि धार्मिक पहचान के आधार पर जब रक्षक ही लोगों का खुलेआम कत्ल करने लग जाएंगे, तो गरीब जरूरतमंद किस पर भरोसा करेंगे.
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
लोगों का कहना है कि परिवार में कोई कमाने वाला नहीं है. अभी असगर के बच्चों के स्कूल जाने के दिन हैं. उन्होंने बच्चों की तालीम और परवरिश के लिए परिवार को एक करोड़ के मुआवजे की मांग की. साथ ही असगर की बेटियों के लिए सिर छिपाने के लिए मकान और परिवार में किसी एक को सरकार नौकरी देने की भी मांग की है.
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उन्होंने कहा है कि असगर के परिवार के लिए सामाजिक संगठन एकजुट होकर एक संघर्ष समिति बना रहे हैं. जयपुर में आगामी शुक्रवार को इस मामले में बड़ा विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. परिवार में आज इस बात की भी गहरी नाराजगी नजर आई कि इतनी बड़ी घटना के बाद कोई भी सरकारी नुमाइंदा परिवार को ढांढस बंधाने नहीं आया. परिवार का कहना है कि न राज्य सरकार से कोई आया, न केंद्र से न रेलवे, न जिला प्रशासन से किसी ने उनकी खबर ली. बुधवार शाम असगर को शास्त्री नगर कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक़ कर दिया गया.
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FIRST PUBLISHED : August 02, 2023, 17:34 IST