राजस्थान बीजेपी में पद-मद और कद की राजनीति, मदन राठौड़ ने शुरू किया ‘मिशन यूनिटी’, वसुंधरा राजे से की मुलाकात
जयपुर. बीजेपी के नए प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने पदभार ग्रहण करते ही ‘मिशन यूनिटी’ शुरू कर दिया है. राठौड़ ने सबको साथ लेकर चलने का वादा किया है. राठौड़ ने शनिवार को पदभार ग्रहण करने के बाद रविवार को मेल मुलाकातों का दौर शुरू किया. रविवार को राठौड़ ने सुबह सुबह सबसे पहले पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से मुलाकात कर असंतुष्ट धड़े को साधने की कोशिश की. उसके बाद वे पार्टी संगठन की बैठकों में व्यस्त रहे. राठौड़ ने प्रदेशाध्यक्ष पद को कांटों भरा ताज बताया है. इसके साथ ही कहा कि वे अपने ऊपर अहंकार को कभी हावी नहीं होने देंगे.
वसुंधरा राजे ने उनके पदभार ग्रहण समारोह में पद, कद और मद को लेकर दिये गये संबोधन पर मदन राठौड़ ने खुलकर अपने दिल की बात कही. उन्होंने कहा कि न कभी ‘पद’ का मोह रहा और न कभी ‘कद’ की चिंता की. बकौल राठौड़ पार्टी ने जो भी जिम्मेदारी दी उसे बखूबी संभालने की कोशिश की. इसलिए ‘मद’ को खुद पर कभी हावी नहीं होने दिया. उन्होंने कहा कि मेरे तो नाम में ही ‘मद’ के बाद ‘न’ आता है. इसलिए अहंकार कहीं दूर दूर तक मेरे पास भी नहीं फटक सकता.
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राठौड़ बोले कि पार्टी में कहीं कोई असंतुष्ट नहीं हैमदन राठौड़ ने सत्ता और संगठन में बेहतर तालमेल के लिए मिशन यूनिटी के तहत अपनी कवायद शुरू की है. राठौड़ ने रविवार को वसुंधरा राजे से दो घंटे लंबी मंत्रणा की. पार्टी के कामकाज से लेकर राज्यसभा के अपने अनुभवों के आधार पर राठौड़ बोले कि पार्टी में कहीं कोई असंतुष्ट नहीं है. उनकी कोशिश सबको साथ लेकर चलने की है. मदन राठौड़ ने कहा अध्यक्ष पद गुलदस्ता नहीं कांटों का ताज है.अब कांटों पर चलना ही है तो कांटो भरा ताज भी कबूल है.
पार्टी राठौड़ पर हुई मेहरबानराठौड़ दो बार के विधायक रहने के बाद वर्तमान में राज्यसभा के सासंद हैं. एक दौर वो भी था जब पिछली ही साल विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उनको सुमेरपुर से टिकट तक देने से इनकार कर दिया था. इससे नाराज मदन राठौड़ ने बागी होकर चुनाव लड़ने तक का फैसला कर लिया था. लेकिन शीर्ष नेतृत्व के आश्वासन के कारण उन्होंने अपने कदम पीछे खींच लिये थे. अब पार्टी राठौड़ पर इतनी मेहरबान है कि पहले उनको राज्यसभा भिजवाया. उसके बाद अब प्रदेशाध्यक्ष के पद पर उनकी ताजपेाशी कर दी.
सभी नेताओं को साथ लेने की जिम्मेदारी उनके कंधों पर हैअब उन्हें पार्टी को गुटबाजी से बचाते हुए उपचुनाव की पहली परीक्षा में पास होने के लिए कड़ी मेहनत करने की दरकार है. खास तौर से वसुंधरा राजे गुट से जुड़े सभी नेताओं को साथ लेने की जिम्मेदारी उनके कंधों पर है. बहरहाल मदन राठौड़ की सादगी और पार्टी के प्रति उनके निष्ठाभाव ने उनको प्रदेशाध्यक्ष पद तक पहुंचा दिया है.
नेतृत्व क्षमता की पहली परीक्षा उपचुनाव में होगीओबीसी वोट बैंक को साधने के लिए बीजेपी ने एक ऐसे नेता को चुना है जो लो प्रोफाइल तो है ही इसके साथ ही उनमें लेश मात्र भी कहीं पद का गुरूर नहीं झलकता. उनकी नेतृत्व क्षमता की पहली परीक्षा उपचुनाव में होगी. अगर बीजेपी पांच में से कुछ सीटें जीतती है तो उनका कद पार्टी में और बढ़ जायेगा. अगर पार्टी उपचुनाव हार जाती है तो उनके अपने भी उन पर निशाना साधने में वक्त नहीं लगायेंगे.
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FIRST PUBLISHED : August 5, 2024, 09:09 IST