Politics on ‘Bulldozer’ – Politics heats up in Rajasthan after Karauli | ‘ बुलडोजर ‘ पर राजनीति — करौली हिंसा के बाद राजस्थान में भी गरमाई सियासत
करौली में हुई साम्प्रदायिक हिंसा के बाद राजस्थान में बुलडोजर पर राजनीति शुरू हो गई है।
जयपुर
Published: April 16, 2022 01:09:06 pm
जयपुर। करौली में हुई साम्प्रदायिक हिंसा के बाद राजस्थान में बुलडोजर पर राजनीति शुरू हो गई है। भाजपा शासित राज्यों उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में दंगा भड़काने वालों पर बुलडोजर के जरिए कार्रवाई की जा रही हैं यानि उनके मकानों को गिराया जा रहा हैं, वहीं राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने इसे लोकतंत्र के खिलाफ बताया हैं तो दूसरी ओर गहलोत के खिलाफ राजस्थान भाजपा ने अपने तेवर और तीखे कर लिए हैं और उन पर तुष्टिकरण के आरोप लगाए जा रहे हैं।

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मध्य प्रदेश के खरगोन में हिंसा के बाद सख्त कार्रवाई को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी की शिवराज सरकार पर संविधान की धज्जियां उड़ाने का आरोप लगाते हुए लोकतंत्र को खतरे में बताया। गहलोत ने कहा है कि अनेक राज्यों में दंगे भड़के, आग लगी और अब उनके मकान तोड़े जा रहे हैं। बिना किसी जांच, बिना किसी को दोषी ठहराए किसी का मकान तोड़ने का अधिकार तो मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के पास भी नहीं होता। कानून के राज से ही देश चलता है। ये लोग संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं। लोकतंत्र को खतरे में डाल दिया है।’
चुनाव जीतने के लिए हथकंडे
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि देश में कानून और संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, लोकतंत्र खतरे में है। गहलोत ने कहा कि बीजेपी के लोग चुनाव जीतने के लिए हथकंडे अपना रहे हैं और देश के लोगों को इनके हथकंडों को समझना होगा। बीजेपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या हाल ही में करौली शहर के पीड़ितों से मिलने के लिए राजस्थान आए थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया था। इस पर गहलोत ने कहा, ‘तेजस्वी सूर्या यहां किस काम के लिए आए। करौली में जो कुछ भी हुआ वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी उसकी हम सब ने निंदा की। उस वक्त भी हमने कहा था कि ये लोग आग लगाने का काम करते हैं। उसके बाद इन लोगों ने करौली को मुद्दा बना लिया।
करौली की हिंसा के आरोपियों को ही संरक्षण — वहीं दूसरी ओर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस सरकार करौली की हिंसा के आरोपियों को ही संरक्षण दे रही है, जबकि सभी ने करौली को जलते हुए देखा है, करौली हिंसा से प्रभावित लोगों के पलायन को रोकने के लिए भी कोई काम नहीं किया गया है। भाजपा की मांग है कि करौली हिंसा के पीड़ितों को न्याय मिले, आर्थिक मुआवजा मिले और दोषियों को सजा मिले।
उन्होंने कहा कि हमने न्याय यात्रा की घोषणा की, राज्य सरकार के संज्ञान में था, सरकार को इस बात की व्यवस्था करनी चाहिए थी कि भाजपा प्रतिनिधिमंडल को ले जाकर पीड़ितों से मिलवाते, लेकिन सरकार को इस बात का डर था कि अगर पीड़ितों से मिलवाया तो सच्चाई सामने आ जाएगी।।
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