अब स्कूलों में चेक होंगे बच्चों के टिफिन बॉक्स, भूल से भी ना भेजें ये डिश, वरना तुरंत होगी कार्यवाई!

बच्चों के लिए स्कूल एक ऐसी जगह है, जहां उनका पूरा डेवलपमेंट होता है. स्कूल में जाने के बाद बच्चों को पढ़ाया जाता है, अन्य बच्चों के साथ समय बिताकर सोशल बनाया जाता है. लेकिन अगर एक बच्चे से पूछा जाए तो स्कूल में उसका बेस्ट टाइम लंच ब्रेक ही होता है. सुबह घर से नाश्ता कर निकले बच्चे सीधे लंच टाइम पर ही खाते हैं. घर पर तो जब भी भूख लगी बच्चे कुछ ना कुछ खाने ही लगते हैं. ऐसे में लंच ब्रेक बच्चों को डिसिप्लिन भी सिखाता है.
वैसे तो मां ये कोशिश करती है कि अपने बच्चे की पसंदीदा चीज ही लंच में पैक करे. लेकिन हेल्थ का ध्यान भी रखा जाता है. लंच में बच्चे क्या ले कर जा रहे हैं, अभी तक स्कूल का इससे कोई लेना-देना नहीं होता था. लेकिन अब जयपुर के एक प्राइवेट स्कूल ने बच्चों के लंच को लेकर ऐसा ऑर्डर जारी किया है, जिसके बाद बहस छिड़ गई है. दरअसल, इस सर्कुलर में एक ख़ास चीज को लंच में लाने पर बैन लगा दिया गया है.
नहीं लाना है नॉन-वेजइस स्कूल ने सर्कुलर में साफ लिखा है कि अपने बच्चों के लंच बॉक्स में पेरेंट्स नॉन वेज या अंडे ना रखें. अगर ऐसा पकड़ा गया, तो इसपर कार्यवाई होगी. इसके पीछे स्कूल का तर्क है कि गर्मियों के सीजन में ऐसे फ़ूड आइटम्स पेट खराब करते हैं. चूंकि, नॉन वेज आइटम्स में बैक्टेरिया जल्दी पनपते हैं. इस वजह से लंच में पैक रहने की वजह से ये खराब हो सकते हैं. बच्चे इसे खाकर अपनी तबियत बिगाड़ सकते हैं. इस वजह से लंच में ऐसे आइटम ना भेजें.
फ़ूड एक्सपर्ट्स की ऐसी रायइस सर्कुलर के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई. जहां कई लोगों ने स्कूल के इस सर्कुलर का समर्थन किया वहीं कई ने इसे पर्सनल डिसीजन बताया. बात अगर फ़ूड एक्सपर्ट्स की करें तो उनका कहना है कि नॉन वेज एक हैवी मील है. अगर बच्चे लंच में इतना हैवी खायेंगे तो क्लास में उन्हें नींद आएगी. पेरेंट्स को कोशिश करनी चाहिए कि लंच में हेल्दी और ईजिली डाइजेस्ट होने वाले फ़ूड आइटम ही डालें. ताकि बच्चे उन्हें खाने के बाद आराम से पढ़ाई कर सकें.
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FIRST PUBLISHED : May 7, 2024, 14:13 IST