पंचायतीराज चुनाव की कल साफ होगी तस्वीर, बीजेपी-कांग्रेस में बगावत की आशंका, Panchayati Raj elections-picture will be clear tomorrow, BJP-Congress alert– News18 Hindi

जयपुर. राजस्थान में पंचायती राज चुनाव (Rajasthan Panchayati Raj elections) का घमासान अपने पूरे चरम पर आने लग गया है. प्रदेश के 6 जिलों में तीन चरणों में होने वाले इन चुनावों के लिये नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. पंचायत समिति और जिला परिषद सदस्य के चुनाव के लिये कुल 8980 उम्मीदवारों ने ताल ठोकी है. इन उम्मीदवारों ने 10241 नामांकन दाखिल किये हैं. कल नाम वापस लेने की तिथि है. उसके बाद चुनाव की तस्वीर साफ हो जायेगी. चुनाव में किसी भी तरह की बगावत से बचने के लिये बीजेपी और कांग्रेस (BJP and Congress) ने लगभग समान रणनीति अपना रखी है. कहीं प्रत्याशियों को गुपचुप में सिंबल दिये गये हैं तो कहीं नामों की घोषणा नहीं की गई है.
चूंकि इन चुनावों में जीतने वाले सदस्य ही पंचायत समिति प्रधान और जिला प्रमुख का चुनाव करते हैं, लिहाजा बड़े नेता अपने-अपने समर्थकों के कार्यकर्ताओं को जीतने के लिये जी जान से जुटे हैं. कोई फ्रंट में आकर सपोर्ट कर रहा है तो कोई पर्दे के पीछे से. टिकटों को लेकर कांग्रेस और बीजेपी में घमासान हो चुका है. कांग्रेस में तो सीएम अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर में पाली के पूर्व सांसद ब्रद्रीराम जाखड़ के साथ धक्का मुक्की तक हो चुकी है. टिकटों के लिये मचे घमासान को देखते हुये पार्टियों ने चुनिंदा नाम ही घोषित करने की रणनीति पर काम किया है. दोनों ही पार्टियां बागी तेवर अपनाने वाले दावेदारों पर नजरें गड़ाये हुये हैं.
गत बार 21 में से 14 जिलों की जिला परिषदों में कमल खिला था
पंचायती राज के ये चुनाव भरतपुर, दौसा, जयपुर, जोधपुर, सवाईमाधोपुर और सिरोही जिले में होने हैं. चूंकि इन चुनावों में राजधानी जयपुर समेत सीएम अशोक गहलोत का गृह जिला जोधपुर भी शामिल है. लिहाजा कांग्रेस की सक्रियता बीजेपी के मुकाबले ज्यादा बनी हुई है. चूंकि ग्रामीण इलाकों में मजबूत जनाधार रखने वाली कांग्रेस गत पंचायती राज चुनाव में बीजेपी से मात खा चुकी है इसलिये भी वह ज्यादा अलर्ट मोड में है. पिछले दिनों राजस्थान के विभिन्न जिलों में हुये पंचायतीराज चुनावों में 21 में से 14 जिलों की जिला परिषदों में कमल खिला था. इसलिये बीजेपी फिर से वैसी ही जीत की उम्मीद पाले हुये है, वहीं कांग्रेस अपनी हार की कसक को मिटाने के मूड में है.
ये चुनाव इसलिये भी अहम हैं
ये चुनाव सीएम अशोक गहलोत सरकार के ढाई साल के कामकाज पर मुहर लगाने या नहीं लगाने वाले भी साबित होंगे. उसके बाद राजस्थान में दो सीटों पर विधानसभा का उपचुनाव भी होने है. ऐसे में पंचायती राज चुनाव विधानसभा उपचुनाव के लिये पृष्ठभूमि तैयार करने वाले भी साबित होंगे. क्योंकि इन चुनावों की हार जीत को दोनों पार्टियां विधानसभा उपचुनाव में भुनाने की कोशिश करेंगी. उसका असर काफी गहरा होगा. इसलिये दोनों की प्रमुख दल इन चुनावों में जीत के लिये कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं.
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