प्रियंका पूनिया ने हैंडबॉल यूथ वूमेन ट्रॉफी में भारत को रजत दिलाया

Last Updated:November 24, 2025, 15:08 IST
थाईलैंड में आयोजित इंटरनेशनल हैंडबॉल फेडरेशन यूथ वूमेन ट्रॉफी (अंडर-17) में भारतीय महिला टीम ने रजत पदक जीतकर एशिया में अपनी पहचान बनाई. जाटी भांडु ग्राम पंचायत के गूंदियाल नगर गांव की प्रियंका पूनिया इस टीम का हिस्सा थी. उन्होंने कई अहम गोल किए और शानदार रणनीति दिखाई, जिससे गांव और राज्य में गर्व का माहौल बन गया. प्रियंका की इस उपलब्धि पर गूंदियाल नगर की श्री नारायणपुरी यूथ सोसायटी ने 51,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की, जबकि उद्योगपति छैलाराम मुंडन द्वारा स्कूल के खेल मैदान में 400 मीटर का ट्रैक विकसित किया जा रहा है.
कुछ कर गुजरने की इच्छा हो और हौसले बुलंद हों तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती. थाईलैंड में आयोजित इंटरनेशनल हैंडबॉल फेडरेशन यूथ वूमेन ट्रॉफी (अंडर-17) एशिया में भारतीय महिला हैंडबॉल टीम ने इसी जज़्बे के साथ रजत पदक जीता. रोमांचक फाइनल मुकाबले में भारत को उज्बेकिस्तान से मात्र एक गोल के अंतर से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन टीम के खेल और जूनून ने सभी का दिल जीत लिया.

इस प्रतियोगिता में जाटी भांडु ग्राम पंचायत के गूंदियाल नगर गांव की प्रियंका पूनिया भारतीय टीम का हिस्सा थी. प्रियंका का चयन भारतीय हैंडबॉल फेडरेशन द्वारा किया गया था। उन्होंने रा.उ.मा.वि. गूंदियाल नाडी में पढ़ाई की है. प्रियंका ने अपनी टीम के लिए कई अहम गोल किए और खेल के दौरान शानदार रणनीति दिखाई, उनके इस प्रदर्शन से गांव और राज्य में गर्व का माहौल बन गया.

गूंदियाल नगर में खेलों के आधारभूत ढांचे को विकसित करने वाली संस्था, श्री नारायणपुरी यूथ सोसायटी, गूंदियाल नगर के संरक्षक ओमप्रकाश चौधरी ने प्रियंका की इस उपलब्धि पर 51,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की है. इसके अतिरिक्त, उद्योगपति छैलाराम मुंडन (एम.सी.सी.) द्वारा रा.उ.मा.वि. गूंदियाल नाडी के खेल मैदान में 400 मीटर का ट्रैक विकसित किया जा रहा है.
Add as Preferred Source on Google

स्कूल में भारत द्वारा खेले गए मैचों को लाइव दिखाने की व्यवस्था की गई थी, ग्रामीण लोगों में भी इस हैंडबॉल प्रतियोगिता को लेकर काफी उत्साह देखा गया और उन्होंने सभी मैच मोबाइल पर लाइव देखे. इससे बच्चों और युवाओं में खेलों के प्रति रुचि बढ़ी और उन्होंने भविष्य में खेलों में भाग लेने की उत्सुकता दिखाई, लोग भी खिलाड़ी बनने के सपने देखने लगे और खेल संस्कृति को अपनाने लगे.

प्रियंका ने अपनी सफलता के माध्यम से उन सभी लड़कियों और उनके माता-पिता को उम्मीद दी है, जो किसान, मजदूर, खान श्रमिक या ट्रक ड्राइवर जैसी सामान्य पृष्ठभूमि से आते हैं. उन्होंने दिखाया है कि उनकी बेटियां और बेटे भी आगे बढ़कर सफलता प्राप्त कर सकते हैं. सभी ग्रामवासियों ने प्रियंका, उनके परिवार और स्कूल परिवार को इस शानदार उपलब्धि के लिए बधाई दी और धन्यवाद ज्ञापित किया.
First Published :
November 24, 2025, 15:08 IST
homesports
हैंडबॉल यूथ वूमेन ट्रॉफी में प्रियंका पूनिया ने भारत को दिलाया रजत पदक



