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PTI टीचर रातोंरात बदलता था ‘भाग्य’, चमकाता था ‘सितारे’, कारनामा देख SOG रह गई दंग

विष्णु शर्मा. जयपुर. राजस्थान एसओजी ने एक ऐसे संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है जो कि अलग-अलग यूनिवर्सिटी की फर्जी मार्कशीट तैयारकर बैक डेट में एडमिशन दिलवाने का काम करता था. साथ ही इन्हीं फर्जी डिग्री के आधार पर कई लोग नौकरी भी हासिल कर चुके हैं. एसओजी ने एक डिकॉय ऑपरेशन के जरिए पांच अलग-अलग टीमें गठित कर चुरू, धौलपुर और अन्य जिलों में छापेमारी की, जिसमें एसओजी ने फर्जी डिग्री जारी करने वाले दलाल सुभाष पूनियां, एक राजकीय स्कूल में फिजिकल टीचर, उसके बेटे परमजीत सिंह सहित 3 लोगों को गिरफ्तार कर लिया.

एसओजी की गिरफ्त में आए आरोपी बाप बेटे और उनके साथी से पूछताछ के आधार पर एसओजी ने सुभाष के पैतृक गांव में घर पर सर्च कार्रवाई की, जिसमें 7 यूनिवर्सिटीज की लगभग 50 डिग्री के दस्तावेज, 81 खेल प्रमाण पत्र, 117 स्टूडेंट्स का रिकॉर्ड मार्कशीट, आधार कार्ड, डिग्रियां बरामद की गई. इसके अलावा सुभाष पूनियां के घर से एसओजी ने 10 भरी हुई आंसर शीट, 2 यूनिवर्सिटीज की सील मुहर, 2 खाली खेल प्रमाण पत्र, चेक बुक सहित अन्य दस्तावेज बरामद किए. यह कार्रवाई एसओजी के एडीजी वीके सिंह के निर्देशन में की गई.

इस तरह पकड़ा गया गिरोह
जानकारी के मुताबिक एडीजी वीके सिंह को कुछ दिनों पहले एक परिवादी द्वारा गोपनीय शिकायत दी गई थी कि राजगढ़ चुरू निवासी सुभाष पूनिया और उसका पीटीआई बेटा परमजीत अपने साथियों के साथ मिलकर कई विश्वविद्यालयों की फर्जी डिग्री, फर्जी खेल प्रमाण पत्र, फर्जी मेडल, फर्जी बैक डेट में एडमिशन दिलाने का काम करते हैं. इस सूचना पर परिवाद दर्जकर जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सतनाम सिंह द्वारा की गई. जांच से प्रथम दृष्टया यह सामने आया कि आरोपी सुभाष पुनिया कई विश्वविद्यालयों के दलाल के रूप में कार्य करता है. वह चुरू जिले में ओपीजेएस विश्वविद्यालय में यह विशेष रूप से दलाली करता है और ओपीजेएस विश्वविद्यालय के मैनेजमेंट से मिलीभगत कर बैक डेट में फर्जी डिग्री, मैडल, प्रमाण पत्र इत्यादि जारी करवाता है. साथ ही फर्जी डिग्री व प्रमाण पत्र का सत्यापन शिक्षा विभाग में कार्यरत कुछ स्टाफ व विश्वविद्यालय के मैनेजमेंट से मिलीभगत कर करवाता है.

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एसओजी ने किया डिकॉय ऑपरेशन
आरोपियों को पकड़ने के लिए परिवादी के साथ एक डिकॉय ऑपरेशन रचा, जिसमें परिवादी द्वारा लाइब्रेरियन की डिग्री बैक डेट में दिलवाने के लिए आरोपी सुभाष पूनिया से फोन पर बातचीत की गई. सुभाष पूनिया ने 50 हजार रुपये में मार्कशीट दिलवाना तय किया. 20 हजार एडवांस सुभाष के बेटे परमजीत के खाते में सुभाष के कहने पर डाले गए. पैसे डालने के कुछ दिनों के पश्चात् आरोपी सुभाष ने लाइब्रेरियन की फर्जी डिग्री परिवादी के मोबाइल पर जरिए व्हाट्सएप पर भेज दी.

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9 अप्रैल को आरोपी सुभाष द्वारा परिवादी को मूल कूटरचित डिग्री ओपीजेएस विश्वविद्यालय के पास राजगढ़ में देना तय हुआ. परिवादी से मुलाकात के दौरान आरोपी सुभाष ने बताया कि संबंधित डिग्री सरदारशहर में प्रदीप कुमार शर्मा के पास है और शेष पैसों की मांग की. टीम द्वारा मौके पर ही सुभाष को गिरफ्तार किया गया. इसके बाद चुरू जिले में निजी यूनिवर्सिटी में सर्च कार्रवाई की गई. एसओजी की जांच में यह भी सामने आया कि सुभाष पूनिया राजगढ़ में बस स्टैंड के पास स्थित शेखावाटी प्रिंटर्स नामक दुकान से फर्जी डिग्रियां प्रिंट करवाता था. इसकी जांच के लिए एसओजी की चतुर्थ टीम एएसपी सुनील कुमार के निर्देशन में गठित की गई. चतुर्थ टीम द्वारा शेखावाटी प्रिंटर के संचालक राकेश से पूछताछ की गई और दुकान में मौजूद लैपटॉप व कम्प्यूटर को जब्त किया गया. राकेश से आगे पूछताछ की जा रही है.

Tags: Jaipur news, Rajasthan news

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