Rajasthan

Public Opinion: ‘गेहूं मिलेगा तभी तो सिलेंडर पर रोटी बनाएंगे’.. गजब खेला कर रही राजस्थान की जनता, सरकार हैरान

जयपुर:- अक्सर आपने नेताओं के भाषण में सुना होगा ‘सिंघासन खाली करो, तो जनता आती हैं’. लेकिन राजस्थान की जनता गजब है, ऐसा ही गड़बड़ झाला राजस्थान में अभी गेहूं और सिलेंडर को लेकर चल रहा है. आपको बता दें कि राजस्थान में सरकार लाखों परिवारों को 450 रुपए में गैस सिलेंडर उपलब्ध कराती आ रही है. लेकिन इसमें अब चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. सरकार 36 लाख परिवारों को 450 रुपए में गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने को तैयार हैं. लेकिन लाखों परिवार हर महीने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत प्रति व्यक्ति 4 किलो मुफ्त गेहूं का लाभ उठा रहे हैं.

एलपीजी आईडी मैपिंग करवाना अनिवार्यलोग गेहूं के चक्कर में सिलेंडर का बलिदान देने को तैयार हैं. आपको बता दें कि राजस्थान सरकार ने अब गैस सब्सिडी के लिए चयनित राशन कार्ड धारकों के सभी सदस्यों की ई-केवाईसी करवाने के साथ ही एलपीजी आईडी मैपिंग करवाना अनिवार्य कर दिया है. लेकिन राजस्थान में आंकड़ों में मुताबिक लाखों परिवारों ने आईडी मैपिंग नहीं करवाई है, जिसे लेकर विभाग भी अचंभित है.

यह कौन लोग हैं, जो गेहूं लेना चाहते हैं, लेकिन गैस की सब्सिडी नहीं. इससे लोगों का फायदे की जगह नुकसान हो रहा है. सरकार को फायदा हो रहा है. अगर लोग एलपीजी आईडी मैपिंग लेते, तो सरकार परिवारों को सब्सिडी सिलेंडर देने पड़ते.

5 लाख लोगों को सब्सिडी सिलेंडर देने की घोषणा आपको बता दें कि राजस्थान में सरकार और जनता के बीच गेहूं और सिलेंडर में अलग ही खेला चल रहा है. जनता सिलेंडर लेना नहीं चाहती और सरकार उन्हें देना चाहती हैं. ये गज़ब खेला राजस्थान में चल रहा है. खाद्य एवं नागरिक सुरक्षा विभाग के अनुसार, राज्य सरकार ने अपने पहले ही बजट में प्रदेश में करीब एक करोड़ 5 लाख परिवारों को 450 रुपए में गैस का सिलेंडर उपलब्ध करवाने की घोषणा की थी.

इनमें 38 लाख परिवार ऐसे हैं, जो उज्जवला योजना से जुड़े हैं, जिनकी सब्सिडी के तीन सौ रुपए केंद्र सरकार एवं बाकी रुपए राज्य सरकार वहन करती है. लेकिन, 67 लाख परिवारों को दी जाने वाली पूरी सब्सिडी का भार राज्य सरकार उठाती है, ये सभी परिवार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से भी जुड़े हुए हैं.

36 लाख परिवारों ने नहीं करवाई आईडी मैपिंग आपको बता दें कि राजस्थान में सरकार ने 1 सितंबर से 450 रुपए में गैस सिलेंडर दिए जाने की घोषणा की. घोषणा के साथ ही शर्त भी लागू कर दी कि सब्सिडी उन्हीं परिवारों का मिलेगी, जिनके राशन कार्ड धारियों के सभी सदस्यों की ईकेवाईसी के साथ एलपीजी आईडी मैपिंग हो चुकी होगी. भविष्य में सरकारी योजनाओं का फायदा भी ऐसे ही लोगों को मिलेगा.

इस संबंध में खाद्य एवं नागरिक विभाग का कहना है कि आईडी मैपिंग का कार्य लगातार किया जा रहा है. लेकिन प्रदेश में 31 मार्च तक 36 लाख 8 हजार 936 परिवार ऐसे हैं, जिन्होंने आईडी मैपिंग नहीं करवाई है.

खाद्य सुरक्षा में 47 लाख लोगों के नाम काटे गएआपको बता दें कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत राजस्थान में करीब 4 करोड़ 46 लाख लोगों को प्रतिमाह चार किलो मुफ्त गेहूं दिए जाने का प्रावधान है, जिसके अनुसार उन्हें समय से गेहूं वितरित भी किए जा रहे हैं. लेकिन ई-केवाईसी नहीं करवाने वाले लोगों का नाम जल्द ही काटा जाएगा, इसके लिए 31 मार्च तक ई-केवाईसी नहीं करवाने वाले 29 लाख 2 हजार 308 परिवारों के नाम हटाने के लिए डीओईटी को पत्र भेज दिया है.

इसके अलावा गिवअप योजना में भी अब तक 18 लाख लोग अपनी स्वेच्छा से इस योजना से नाम कटवा चुके हैं. इस तरह करीब 47 लाख लोगों के नाम योजना की सूची से अलग हो गए हैं. इससे उन वंचित पात्र लोगों को इस योजना का फायदा मिल सकेगा, जो जगह नहीं होने की वजह से जुड़ नहीं पा रहे थे. 36 लाख परिवार ऐसे हैं, जो गेहूं तो उठा रहे हैं. लेकिन वे गैस नहीं उठा रहे हैं. यह कौन लोग हैं, इनका पता सरकार जल्द ही लगाएगी.

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