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‘लो ब्लड प्रेशर है तो नमक थोड़ा ज्यादा खाओ’, गंगाराम अस्पताल के डॉक्टर से जानिए इस ज्ञान की सच्चाई

‘लो ब्लड प्रेशर’ एक कॉमन समस्या है. लेकिन, हम इसे गंभीरता से नहीं लेते. हाई ब्लड प्रेशर की तरह इसके साथ भी कई रिस्क जुड़े हुए हैं. अगर आपका ब्लड प्रेशर लो है तो आपको कई तरह की दिक्कतें आ सकती है. आपको चक्कर आ सकता है. आप बेहोश हो सकते हैं. आपका जी मिचला सकता है. आंखों की रोशनी धूंधली हो सकती है. आप चिड़चिड़े हो सकते हैं. आप अपने काम पर फोकस नहीं पाएंगे. आपको ज्यादा थकान लगेगा. ऐसी तमाम दिक्कतें हैं जो आपको लो ब्लड प्रेशर की वजह से आ सकती है. लेकिन, इतनी सारी दिक्कतों के बावजूद हमारे समाज में इसे गंभीरता से नहीं लिया जाता. हर कोई डॉक्टर बन जाता है और भोजन में थोड़ा नमक बढ़ाने, कॉफी पीने और डॉर्क चॉकलेट खाने की सलाह दे देता है.

आज हम इसी मसले पर देश के चोटी के अस्पताल सर गंगाराम के मेडिसीन विभाग के को-चेयरमैन डॉ. अतुल कक्कड़ की सलाह से आपको अवगत कराते हैं. डॉ. कक्कड़ बताते हैं कि लो ब्लड प्रेशर एक कॉमन बीमारी है. साथ ही इसके लक्षण भी बेहद कॉमन हैं. इसके कारण भी बेहद कॉमन है. कई बार खून की कमी और दिल संबंधी बीमारी के कारण लो ब्लड प्रेशर की दिक्कत आती है.

130 और 90 से कम होना चाहिए ब्ल्ड प्रेशर
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि ब्लड प्रेशर का रेंज 120/80 होना चाहिए. लेकिन मैं आपको यहां थोड़ा करेक्ट करता हूं. हमारा ब्लड प्रेशर 130/90 से कम होना चाहिए. उम्र बढ़ने के साथ ब्लड प्रेशर का रेंज थोड़ा बढ़ता है.

लो ब्लड प्रेशर कब? 
डॉ. कक्कड़ स्पष्ट करते हैं कि ब्लड प्रेशर गिरने के कई कारण हो सकते हैं. इसमें कुछ त्वरित कारण होते हैं. जैसे किसी व्यक्ति को डायरिया या अचानक कोई शॉक लगा हो. इस कारण जो ब्लड प्रेशर कम होता है वह त्वरित होता है. वह कुछ दिनों में फिर नॉर्मल हो जाता है, लेकिन ब्लड की कमी या दिल संबंधी किसी परेशानी के कारण बीपी कम होने पर आपको डॉक्टर से जरूर सलाह लेनी चाहिए. जहां तक लो ब्लड प्रेशर की रेंज की बात है तो हम 90/60 को लो ब्लड प्रेशर की कैटगरी में रखते हैं. इतना ब्लड प्रेशर होने पर आपको मरीज माना जा सकता है और आपको जरूर डॉक्टर के पास जाने की जरूरत पड़ सकती है. इससे नीचे ब्लड प्रेशर जाने पर आपके अहम अंगों पर असर पड़ सकता है. बॉडी में ऑक्सीजन की सप्लाई प्रभावित हो सकती है.

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लो ब्लड प्रेशर के प्रकार
डॉ. कक्कड़ बताते हैं कि लो ब्लड प्रेशर को कई कैटगरी में बांटा गया है. इसमें सबसे पहला टाइप है- Arthostatic Hypotension (Postural Hypotention). ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन में जब व्यक्ति बिस्तर या कुर्सी से अचानक उठता है तो उसका ब्लड प्रेशर डाउन हो जाता है. इसके पीछे का कारण डिहाइड्रेशन, लंबे समय से बेड रेस्ट, प्रेग्नेंसी और कुछ खास मेडिकल कंडीशन हो सकते हैं. इस तरह का ब्लड प्रेशर उम्र बढ़ने के साथ कॉमन पाया जाता है.

पोस्टप्रैंडियल हाइपोटेंशन (Postprandial Hypotension)- इसमें खाना खाने के एक-दो घंटे बाद ब्लड प्रेशर डाउन हो जाता है. ऐसा अक्सर उम्रदराज लोगों में पाया जाता है. खासकर हाईब्लड प्रेशर के मरीजों और पार्किंसन जैसी बीमारी से जूझ रहे लोगों में यह पाया जाता है. इसमें कम मात्रा में भोजन, कम कार्बोहाइड्रेट वाली डाइट, ज्यादा पानी और एल्कोहल से दूरी जैसे कदम उठाकर इसे काफी कंट्रोल किया जा सकता है.

न्यूरैली मेडिएटेड हाइपोटेंशन (Neurally Mediated Hypotension)- जब आप लंबे समय तक खड़े रहते हैं तो आपका ब्लड प्रेशर डाउन हो जाता है. ऐसा खासतौर पर युवाओं और बच्चों में होता है. इसके पीछे का कारण आमतौर पर दिल और दिमाग के बीच संवाद की कमी के कारण होता है.

मेरा ब्लड प्रेशर 110/70 है, क्या करूं?
मेरा ब्लड प्रेशर 110/70 है तो इसे क्या माना जाए? इस पर डॉ. कक्कड़ करते हैं इसे नॉर्मल नहीं माना जा सकता लेकिन हो सकता है कि आपकी बॉडी के हिसाब से यह नॉर्मल हो बशर्ते आपमें कई सिंप्टम न हो. उनका कहना है कि बहुत लोगों में ब्लड प्रेशर लो की तरफ होता है और उनमें कोई सिंप्टम नहीं होता है. ऐसे में इसको लेकर परेशान होने की कोई बात नहीं है.

महिलाओं में लो ब्लड प्रेशर
डॉ. कक्कड़ बताते हैं कि महिलाओं को लेकर ऐसी कोई स्टडी के बारे में उनको जानकारी नहीं है. महिलाओं में लो ब्लड प्रेशर की समस्या कॉमन है. इसे पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता. उनके हिसाब से मेल-फीमेल के आधार पर ब्लड प्रेशर का रेंज नहीं बदलता.

नमक ज्यादा खाने से लो बीपी की समस्या ठीक रहती है
डॉ. कक्कड़ कहते हैं कि कई लोग ऐसा सुझाव देते हैं. लेकिन इसके बजाय हमें बॉडी में तरल पदार्थ की मात्रा पर ध्यान देना चाहिए. पर्याप्त पानी और तरल पदार्थ बहुत जरूरी हैं. रही बात नमक की तो आपको नॉर्मल मात्रा में नमक लेना चाहिए. अब नॉर्मल से मतलब क्या है? यहां डॉक्टर कक्कड़ सुझाव देते हैं कि हमें अपनी डाइनिंग टेबल पर नमक का डिब्बा रखना चाहिए और खाना पकाते समय उसमें नमक नहीं डालना चाहिए. जिस तरह चाय या कॉफी में हम सभी अपने-अपने हिसाब से चीनी मिलाते हैं ठीक उसी तरह की प्रैक्टिस हमें डाइनिंग टेबल पर शुरू करने की जरूरत है. परिवार का हर सदस्य अपने स्वाद और जरूरत के हिसाब नमक ले. नॉर्मल कंडीशन में हमारी बॉडी को सॉल्ट और पर्याप्त मात्रा में आयोडीन की जरूरत होती है. ऐसे में हम कोई अपने हिसाब से नमक का सेवन करे. जिसकी बीपी हाई है उसे नमक कम खाना चाहिए.

Tags: Blood Pressure Machine, Health

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