Rabi crops have been sown in Nagaur more than the target Due to increased cold hope of bumper crop

नागौर. जिले में रबी फसल की बुवाई लगभग पूरी हो चुकी है. अब बढ़ती सर्दी व सर्द हवाओं से पौध को ज्यादा ताकत मिलेगी. रबी की उपज में गेहूं, जौ, चना, मैथी, ईसबगोल आदि की बुवाई कई जगहों पर पूरी की जा चुकी है. कृषि विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार नागौर में इस बार कुल दो लाख 53 हजार 875 हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हुई है. कृषि विशेषज्ञों की माने तो सर्दी बढ़ना फसलों के लिए बेहतर संकेत है, इससे पौधे का अंकुरण अच्छा होने के साथ ग्रोथ भी बेहतर होगा.
रबी फसलों के लिए फायदेमंद है सर्दी
कृषि विभाग के अनुसार मेड़तासिटी कृषि रेंज में इस बार जीरा की बुवाई निर्धारित लक्ष्य से ज्यादा एरिया में हुई है, जबकि डेगाना कृषि क्षेत्र जीरे की बुवाई में काफी पीछे है. इसके अलावा चना, जो, ईसबगोल एवं सौंप की बुवाई की स्थिति में मेड़तासिटी कृषि रेंज एरिया आंकड़े में जरूर भारी रहा है, लेकिन चना, तारामीरा एवं जीरा आदि की बुवाई डेगाना कृषि एरिया में भी निर्धारित लक्ष्य से 90 प्रतिशत से ज्यादा में की गई है. कृषि अनुसंधान अधिकारी श्योपालराम जाट ने बताया कि कि इस समय अच्छी-खासी सर्दी पड़ रही है. इससे गेहूं, जौ, चना आदि की फसलों की स्थिति काफी बेहतर रहेगी. अन्य उपज को भी इस मौसम का फायदा मिलेगा, लेकिन विशेषकर चना एवं गेहूं की फसल की ग्रोथ तेजी से होती है.
2.53 लाख से अधिक हेक्टेयर में हुई है बुवाई
उन्हाेंने बताया कि विभाग की ओर से कुल लक्ष्य दो लाख 68 हजार हेक्टेयर एरिया का निर्धारित किया गया था. अब तक बुवाई दो लाख 53 हजार 875 हेक्टेयर एरिया में हुई है. इस तरह से निर्धारित लक्ष्य से 94.73 प्रतिशत एरिया में बुवाई हो चुकी है. ज्यादातर क्षेत्र में बुवाई का काम तो पूरा हो गया है, अब तो मौसम के हिसाब से जागरुक रहते हुए फसलों को पकने तक बचाना है. इसके लिए सहायक कृषि अधिकारियों एवं कृषि पर्यवेक्षकों को दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं. बैठक एवं चौपाल के माध्यम से किसानों को मौसम के अनुकूल बचाव की जानकारी दी जा रही है.
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FIRST PUBLISHED : December 13, 2024, 16:57 IST