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बातों से नहीं, काम से मिले सम्मान तो बने बात… एमएस धोनी ने क्यों कहा ऐसा

मुंबई. क्रिकेट में जब भी बेहतरीन कप्तानों की लिस्ट बनाई जाती है तो एमएस धोनी का नाम सबसे पहले आता है. धोनी दुनिया के अकेले ऐसे कप्तान हैं, जिन्होंने अपनी टीम को वनडे वर्ल्ड कप, टी20 वर्ल्ड कप और आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जिताई है. यही कारण है कि पूरी दुनिया उनका सम्मान करती है. पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने शुक्रवार को कहा कि अपने काम से खिलाड़ियों का सम्मान और निष्ठा अर्जित करना ही नेतृत्व का अहम हिस्सा है. अपनी कप्तानी और खिलाड़ियों को कौशल के अनुसार इस्तेमाल करने की काबिलियत के बूते धोनी ने भारत को दो विश्व कप और एक चैम्पियंस ट्राफी दिलाई. इसके अलावा उनके नेतृत्व में टीम पहली बार आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष पर भी पहुंची.

एमएस धोनी ने ‘रिवार्ड प्रोग्राम आइडेंटिफायर’ ‘सिंगल डॉट आईडी’ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘निष्ठा का सम्मान से गहरा ताल्लुक है. जब आप ड्रेसिंग रूम की बात करते हो तो जब तक आपको सहयोगी स्टाफ और खिलाड़ियों का सम्मान नहीं मिलेगा तब तक आपके लिए उनकी निष्ठा हासिल करना मुश्किल है.’ उन्होंने कहा, ‘वास्तव में यह दिखाता है कि आप क्या कर रहे हो, ये नहीं कि आप क्या बोल रहे हो. आप भले ही कुछ भी नहीं बोलो लेकिन आपका आचरण आपको वह सम्मान दिला सकता है.’

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पूर्व कप्तान एमएस धोनी (MS Dhoni) ने कहा कि एक नेतृत्वकर्ता के लिए यह सम्मान उसके काम से आता है, उसकी बातों से नहीं. उन्होंने कहा, ‘मुझे हमेशा लगता था कि एक नेतृत्वकर्ता के रूप में सम्मान अर्जित करना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह कुर्सी या पद के साथ नहीं आता है. यह आपके आचरण से आता है. कई बार लोग असुरक्षित होते हैं. कभी कभी भले ही टीम आप पर विश्वास करती हो लेकिन वास्तव में आप ही पहले व्यक्ति हो जो खुद पर विश्वास नहीं करोगे. ’

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एमएस धोनी ने कहा, ‘संक्षेप में कहूं तो सम्मान हासिल करने की कोशिश नहीं करो बल्कि इसे अर्जित करें क्योंकि यह बहुत स्वाभाविक है. एक बार जब आपके पास इस तरह की निष्ठा होगी तो प्रदर्शन भी आयेगा.’ धोनी ने कहा कि लेकिन इसके लिए पहला कदम ड्रेसिंग रूम में प्रत्येक खिलाड़ी को समझना है जिसमें उनकी मजबूती और कमजोरियां शामिल हैं. उन्होंने कहा, ‘कुछ लोग दबाव पसंद करते हैं और कुछ को यह पसंद नहीं है. एक व्यक्ति की मजबूती और उसकी कमजोरी को समझना महत्वपूर्ण है.’

धोनी ने कहा, ‘जब एक बार आप ऐसा कर लेते हैं तो आप उस खिलाड़ी को बिना बताये ही उसकी कमजोरी पर काम करना शुरू कर देंगे. इससे यह खिलाड़ी को आत्मविश्वास से भरा रखता है और खिलाड़ी खुद पर संदेह करने से बच जाता है. वे यह देखना पसंद करते हैं कि यह कैसे काम करता है और यह पता लगाना कप्तान या कोच का काम है कि किसके लिए क्या कारगर होता है.’ उन्होंने कहा कि एक नेतृत्वकर्ता के रूप में अगर किसी को टीम से सर्वश्रेष्ठ नतीजा निकलवाना है तो चीजों को सरल रखना चाहिए. झारखंड के इस खिलाड़ी ने कहा कि इस प्रक्रिया में आप चीजों को जितना सरल रखोगे, यह आपके लिए उतना ही आसान हो जाएगा.

Tags: Cricket world cup, Ms dhoni

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