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Rajasthan BJP : Gulab Chand Kataria Satish Poonia Vasundhara Raje – इशारों-इशारों में कटारिया ने किस पर लगाया निशाना, कहा: ना मैं मुख्यमंत्री बन सकता हूं और ना वो

कटारिया ने कहा कि क्या चुनाव का समय आ गया है, जो बार-बार सीएम की बात उठ रही है, हमारे यहां प्रदेश अध्यक्ष ही मुख्यमंत्री का चेहरा हो, जरूरी नहीं

अरविन्द सिंह शक्तावत / जयपुर। प्रदेश भाजपा में चल रही आपसी बयानबाजी के बीच एक बार फिर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के बयान ने सियासी हलचल बढ़ा दी है। कटारिया ने मंगलवार को कहा कि भाजपा में प्रदेशाध्यक्ष ही मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं होता। ऐसा बहुत कम हुआ है, जब प्रदेशाध्यक्ष ही मुख्यमंत्री बना हो। बीजेपी में व्यक्ति तय नहीं करता कौन मुख्यमंत्री बनेगा। मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर उठ रहे सवालों पर उन्होंने कहा कि ऐसा कौनसा समय आ गया, जो अभी से मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा कर दी जाए।

कटारिया ने भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा की प्रदेश भाजपा में काम करने के लिए बहुत चेहरे है। जो इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं वो अपने नेता में वफादारी दिखाने का प्रयास कर रहे हैं। हमारे यहां मुख्यमंत्री ना मैं बन सकता हूं ना वो बन सकते है। चुने हुए विधायक और संसदीय दल ही मुख्यमंत्री तय करता है। वसुंधरा राजे के समर्थन में आ रहे विधायक और पूर्व विधायकों के बयान पर कटारिया ने कहा कि अभी मुख्यमंत्री बनाने का सीजन नहीं आया ना ही चुनावों की तारीख आई है। पार्टी तय करेगी किसके नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा।

सीएम 18 महीने से 8 सिविल लाइंस में कैद

कटारिया ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री 18 महीने से 8 सिविल लाइसं में कैद हैं। राजनीतिक तूफान के कारण सीएम होम आइसोलेट हो गए। सरकार का ढाई साल का कार्यकाल असफल रहा है। इनकी आपसी लड़ाई से जनता परेशान है। धर्मान्तरण पर कटारिया ने कहा कि राजस्थान में 2 बार कानून बनाया। मगर वो लागू नहीं हुआ है। उत्तरप्रदेश सरकार ने सही किया है। जबरन धर्मं परिवर्तन नहीं होना चाहिए।

पहले अरुण सिंह और अब कटारिया के बयानों ने दिए संदेश

भाजपा में इन दिनों मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा करने की मांग ने जोर पकड़ रखा है। वसुंधरा राजे समर्थक लगातार यह मांग कर रहे हैं कि राजे को सीएम का चेहरा घोषित किया जाए। इस पर अरुण सिंह स्पष्ट कर चुके हैं कि संसदीय बोर्ड ही सब तय करेगा। दूसरी तरफ प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के समर्थकों को कटारिया ने यह कहकर निराश कर दिया कि प्रदेश अध्यक्ष ही मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं होता। दो दिन में दो तरह के बयानों ने पार्टी में खासी सियासी हलचल पैदा कर दी है।






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