Rajasthan Congress is on silent mode these days | मिशन 2023ः भाजपा हमलावर तो कांग्रेस साइलेंट मोड पर, बिना टास्क दिए सड़कों पर नहीं उतर रहे कांग्रेसी

-कानून व्यवस्था और सरकार की नीतियों को लेकर प्रदेश भाजपा लगातार सरकार पर हमलावर, पिछले साल भाजपा और केंद्र सरकार के खिलाफ कांग्रेस ने किए थे प्रदर्शन,-कांग्रेस के अग्रिम संगठनों का भी यही हाल
जयपुर
Published: January 21, 2022 12:04:39 pm
जयपुर। प्रदेश में 2 साल के बाद विधानसभा चुनाव होने हैं और इसी को लेकर प्रमुख विपक्षी दल भाजपा इन दिनों एक्टिव मोड में। प्रदेश भाजपा कांग्रेस और गहलोत सरकार के खिलाफ हमलावर की भूमिका निभाते हुए मोर्चा खोले हुए हैं। चाहे वो फिर कानून व्यवस्था का मामला या फिर सरकार की योजनाओं व नीतियां हों, भाजपा लगातार सरकार को घेरे हुए हैं तो वहीं सत्तारूढ़ कांग्रेस इन दिनों पूरी तरह से साइलेंट मोड पर पर है।

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कांग्रेस पार्टी की ओर से न तो कोई संगठनात्मक गतिविधियां की जा रही हैं और न ही भाजपा पर जवाबी हमला किया जा रहा है। पार्टी में शीर्ष स्तर से लेकर निचले स्तर तक ऐसा कोई भी नेता या पदाधिकारी नहीं है जो अब केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं, जबकि विधानसभा में 2 साल का समय बचा है।
चौथे साल में चुनावी तैयारियों के लिहाज से दोनों प्रमुख दलों के बीच बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो जाता है, लेकिन जिस तरह से प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने कोरोना का हवाला देकर चुप्पी साध रखी है उससे कई तरह की चर्चाएं चल पड़ी हैं। हालांकि भाजपा नेताओं की ओर से प्रियंका गांधी के समक्ष किए गए विरोध प्रदर्शनों की आलोचना करके प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने इतिश्री जरूर कर ली थी।
अलवर कांड पर सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
प्रदेश भाजपा के नेताओं ने साल की शुरुआत से ही चुनावी तैयारियों के मद्देनजर अलवर कांड को लेकर गहलोत सरकार के खिलाफ जमकर मोर्चा खोल रहा रखा है। भाजपा की ओर से इसे लेकर सभी जिलों में विरोध-प्रदर्शन किए गए हैं लेकिन कांग्रेस ने भाजपा पर जवाबी हमले करने के बजाए पूरी तरह से चुप्पी साध रखी है।
प्रदेश नेतृत्व से लेकर लेकर कोई मंत्री या विधायक भी आक्रमक होकर भाजपा के हमलों का जवाब नहीं दे रहा है। कांग्रेस गलियारों में चर्चा इस बात की है कि पार्टी नेताओं को भी भाजपा पर हमलावर की भूमिका में होना चाहिए और केंद्र की मोदी सरकार की गलत नीतियों और प्रदेश भाजपा की गुटबाजी को लेकर सड़कों पर उतरना चाहिए।
बिना टास्क नहीं दिए सड़को पर नहीं उतरते कांग्रेसी
कांग्रेस गलियारों में चर्चा इस बात की भी है कि कांग्रेस पार्टी आलाकमान की ओर से दिए गए टास्क के बगैर सड़कों पर नहीं उतरती। पिछले साल कांग्रेस आलाकमान ने कृषि कानून, महंगाई, पेट्रोल डीजल के दामों में वृद्धि जैसे टास्क प्रदेश कांग्रेस को दिए थे और उसके बाद ही प्रदेश कांग्रेस के नेता केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे थे लेकिन उसके बाद से ही प्रदेश कांग्रेस साइलेंट मोड पर है और अब एआईसीसी की ओर से दिए जाने वाले टास्क का इंतजार कर रहे हैं।
अग्रिम संगठनों का भी यही हाल
कांग्रेस के हरावल ब्रिगेड के नाम से मशहूर अग्रिम संगठनों का भी यही हाल है। अग्रिम संगठनों की ओर से भी केंद्र की मोदी सरकार और भाजपा के खिलाफ कोई आंदोलन नहीं किए जा रहे हैं जिससे अंदर खाने अग्रिम संगठनों के कार्यकर्ताओं में भी असमंजस की स्थिति है। बहरहाल अब देखना ये है कि गहलोत सरकार के खिलाफ भाजपा की ओर से लगातार किए जा रहे विरोध- प्रदर्शनों पर प्रदेश कांग्रेस के नेताओं की चुप्पी कब टूटती है।
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