Rajasthan
PHOTOS: उदयपुर की हैंडीक्राफ्ट कला को मिली एक और नई पहचान, GI टैग मिलने होगा ये बड़ा फायदा

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कोफ्तगिरी शिल्प का इस्तेमाल ढाल, तलवारों, खंजर और अन्य उपयोगी सामग्री जैसे डिब्बे, बक्से इत्यादि के निर्माण में किया जाता है. नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. राजीव सिवाच ने बताया कि राजस्थान की पांच पारंपरिक कलाओं जोधपुर की बंधेज, उदयपुर की कोफ्तागिरी मेटल शिल्प, राजसमंद की नाथद्वारा पिचवाई शिल्प, बीकानेर की उस्त कला और बीकानेर की हस्त कढ़ाई कला को जीआई टैग दिया गया है. इससे विलुप्त हो रही इन कलाओं को जीवित रखने में मदद मिलेगी.