Rajasthan Government’s Big Relief, Three Leases Of Gravel Mining Issue – Gravel mining : राजस्थान सरकार की बड़ी राहत, बजरी खनन के तीन पट्टे जारी

राज्य सरकार ने लोगों को बड़ी राहत देते हुए जालौर जिले में दो एवं भीलवाड़ा जिले में एक बजरी खनन के कुल तीन खनन पट्टे ( mining leases ) जारी किए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दिशानिर्देशों के बाद लंबे समय से चली आ रही बजरी खनन की समस्या और अवैद्य बजरी खनन ( gravel mining ) के कारण आए दिन आ रही समस्याओं के समाधान की राह प्रशस्त हो गई है। मुख्यमंत्री द्वारा इसी कड़ी में पिछले दिनों राज्य में बजरी की वैकल्पिक व्यवस्था के रुप में एमसेंड पालीसी ( ascendant policy ) भी जारी की गई है।

जयपुर। राज्य सरकार ने लोगों को बड़ी राहत देते हुए जालौर जिले में दो एवं भीलवाड़ा जिले में एक बजरी खनन के कुल तीन खनन पट्टे जारी किए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दिशानिर्देशों के बाद लंबे समय से चली आ रही बजरी खनन की समस्या और अवैद्य बजरी खनन के कारण आए दिन आ रही समस्याओं के समाधान की राह प्रशस्त हो गई है। मुख्यमंत्री द्वारा इसी कड़ी में पिछले दिनों राज्य में बजरी की वैकल्पिक व्यवस्था के रुप में एमसेंड पालीसी भी जारी की गई है। मुख्यमंत्री गहलोत के प्रयासों का ही परिणाम है कि बजरी खनन के इन तीन पट्टों से ही प्रदेश की कुल बजरी मांग की करीब 10 प्रतिशत मांग पूरी हो सकेगी।
माइंस एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने बताया कि बजरी खनन के तीन पट्टों में से दो पट्टे जालौर के सायला एवं जालौर और तीसरा भीलवाड़ा के कोटडी में जारी किया गया है। तीनों पट्टाधारकों द्वारा वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार से नवीन पर्यावरण सहमति प्राप्त कर विभाग को प्रस्तुत करने के बाद यह खनन पट्टे जारी किए गए हैं। बजरी खनन के तीन पट्टों के पट्टाधारियों ने केन्द्र को प्रस्तुत वैज्ञानिक रिप्लेनिशमेंट स्टडी के आधार पर वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से पर्यावरण क्लीयरेंस प्राप्त कर सरकार को प्रस्तुत करने पर बजरी के खनन पट्टे जारी किए गए हैं।
माइंस एवं पेट्रोलियम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा जारी तीन बजरी खनन पट्टों में से जालौर के सायला में रणवीर सिंह राठौड़ 3797.58 हैक्टेयर क्षेत्रफल का, जालौर में सत्यनारायण सिंह जादौन को 5269 हैक्टेयर क्षेत्रफल और भीलवाड़़ा के कोटडी में महेन्द्र सिंह राजावत को 1191.37 हैक्टेयर क्षेत्रफल के पट्टे जारी किए गए हैं। सायला में 0.77 मिलियन टन, जालौर में 3.20 मिलियन टन और कोटडी भीलवाड़ा में 3.39 मिलियन टन सालाना उत्पादन क्षमता होगी। इससे राज्य सरकार को 43 करोड़ रुपए का सालाना राजस्व प्राप्त होगा।
एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि एक मोटे अनुमान के अनुसार राज्य में 70 मिलियन टन बजरी की मांग है। यह तीन पट्टे जारी होने से कुल मांग की 10 फीसदी से अधिक पूर्ति हो सकेगी। यह तीनों पट्टे तत्समय जारी अवधि में से शेष रही अवधि करीब 13 माह के लिए जारी किए गए हैं।
राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियम 9 के चार के अनुसार डाइज-नान पीरियड अवधि के लिए यह पट्टे जारी करते हुए स्पष्ट कर दिया गया है कि खनन पट्टे में पूर्व में स्वीकृत आदेश दिनांक 22 मई 2017 की शर्तें यथावत रहेगी और राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियम 2017 में समय समय पर होने वाले संशोधन मान्य होंगे। लीज जारी करते समय यह स्पष्ट कर दिया गया है कि पट्टाधारियों द्वारा पूरक संविदा का निष्पादन किया जाएगा और केन्द्र सरकार द्वारा जारी ईसी की शर्तों की पालना सुनिश्चित की जाएगी।राजस्थान सरकार की बड़ी राहत, बजरी खनन के तीन पट्टे जारी
जयपुर। राज्य सरकार ने लोगों को बड़ी राहत देते हुए जालौर जिले में दो एवं भीलवाड़ा जिले में एक बजरी खनन के कुल तीन खनन पट्टे जारी किए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दिशानिर्देशों के बाद लंबे समय से चली आ रही बजरी खनन की समस्या और अवैद्य बजरी खनन के कारण आए दिन आ रही समस्याओं के समाधान की राह प्रशस्त हो गई है। मुख्यमंत्री द्वारा इसी कड़ी में पिछले दिनों राज्य में बजरी की वैकल्पिक व्यवस्था के रुप में एमसेंड पालीसी भी जारी की गई है। मुख्यमंत्री गहलोत के प्रयासों का ही परिणाम है कि बजरी खनन के इन तीन पट्टों से ही प्रदेश की कुल बजरी मांग की करीब 10 प्रतिशत मांग पूरी हो सकेगी।
माइंस एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने बताया कि बजरी खनन के तीन पट्टों में से दो पट्टे जालौर के सायला एवं जालौर और तीसरा भीलवाड़ा के कोटडी में जारी किया गया है। तीनों पट्टाधारकों द्वारा वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार से नवीन पर्यावरण सहमति प्राप्त कर विभाग को प्रस्तुत करने के बाद यह खनन पट्टे जारी किए गए हैं। बजरी खनन के तीन पट्टों के पट्टाधारियों ने केन्द्र को प्रस्तुत वैज्ञानिक रिप्लेनिशमेंट स्टडी के आधार पर वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से पर्यावरण क्लीयरेंस प्राप्त कर सरकार को प्रस्तुत करने पर बजरी के खनन पट्टे जारी किए गए हैं।
माइंस एवं पेट्रोलियम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा जारी तीन बजरी खनन पट्टों में से जालौर के सायला में रणवीर सिंह राठौड़ 3797.58 हैक्टेयर क्षेत्रफल का, जालौर में सत्यनारायण सिंह जादौन को 5269 हैक्टेयर क्षेत्रफल और भीलवाड़़ा के कोटडी में महेन्द्र सिंह राजावत को 1191.37 हैक्टेयर क्षेत्रफल के पट्टे जारी किए गए हैं। सायला में 0.77 मिलियन टन, जालौर में 3.20 मिलियन टन और कोटडी भीलवाड़ा में 3.39 मिलियन टन सालाना उत्पादन क्षमता होगी। इससे राज्य सरकार को 43 करोड़ रुपए का सालाना राजस्व प्राप्त होगा।
एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि एक मोटे अनुमान के अनुसार राज्य में 70 मिलियन टन बजरी की मांग है। यह तीन पट्टे जारी होने से कुल मांग की 10 फीसदी से अधिक पूर्ति हो सकेगी। यह तीनों पट्टे तत्समय जारी अवधि में से शेष रही अवधि करीब 13 माह के लिए जारी किए गए हैं।
राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियम 9 के चार के अनुसार डाइज-नान पीरियड अवधि के लिए यह पट्टे जारी करते हुए स्पष्ट कर दिया गया है कि खनन पट्टे में पूर्व में स्वीकृत आदेश दिनांक 22 मई 2017 की शर्तें यथावत रहेगी और राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियम 2017 में समय समय पर होने वाले संशोधन मान्य होंगे। लीज जारी करते समय यह स्पष्ट कर दिया गया है कि पट्टाधारियों द्वारा पूरक संविदा का निष्पादन किया जाएगा और केन्द्र सरकार द्वारा जारी ईसी की शर्तों की पालना सुनिश्चित की जाएगी।