Rajasthan Has Immense Potential For Solar Energy Says Gehlot – सौर उर्जा के लिए राजस्थान में अपार संभावनाएं, प्राथमिकता से हो कामः गहलोत

मुख्यमंत्री गहलोत ने ली अक्षय उर्जा निगम की समीक्षा बैठक

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को अपने आवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अक्षय ऊर्जा निगम की समीक्षा बैठक लेकर कामकाज का फीडबैक लिया। दोपहर एक बजे शुरू हुई समीक्षा बैठक में मुख्य़मंत्री ने अधिकारियों से प्राथमिकता के साथ अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं को पूरा करने के निर्देश दिए।
वीसी में मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि अक्षय ऊर्जा के विकास से जुड़ी परियोजनाओं को गति देने के लिए राज्य सरकार ने राजस्थान सौर ऊर्जा नीति-2019 और सोलर-विंड हाईब्रिड ऊर्जा नीति-2019 लागू की है। इससे प्रदेश में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश और मेगा सोलर पार्क परियोजनाओं की स्थापना को बढ़ावा मिला है।
निगम मिशन भावना के साथ काम करते हुए साल 2024-25 तक प्रदेश के लिए तय 30 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा और 7500 मेगावाट विंड तथा हाइब्रिड एनर्जी उत्पादन के लक्ष्य को तय समय से पहले ही पूरा करने का प्रयास करे।
प्रदेश में अपार संभावनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियां सौर ऊर्जा उत्पादन के अनुकूल हैं और यहां वैकल्पिक ऊर्जा क्षेत्र में अपार संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में 2.7 लाख मेगावाट सोलर और विंड एनर्जी उत्पादन की क्षमता है। हमें इस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में नई सोच और तकनीक के साथ काम करना होगा।
इससे न केवल प्रदेश ऊर्जा के क्षेत्र में एक बड़ा हब बन सकेगा, बल्कि इससे रोजगार के बड़े अवसरों का सृजन भी संभव होगा। गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने अक्षय ऊर्जा उत्पादन में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए सरकारी भूमि डीएलसी दरों पर आवंटित करने, 10 वर्ष तक परियोजना के लिए विद्युत शुल्क में पूर्ण छूट देने, सौर ऊर्जा उपकरण निर्माताओं को स्टाम्प शुल्क में छूट और राज्य जीएसटी में 90 प्रतिशत तक निवेश अनुदान देने जैसे महत्वपूर्ण फैसले किए हैं।
ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि विभाग अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए निरन्तर प्रयत्नशील है। इसके लिए जरूरी नई नीतियां लाने के साथ ही प्रावधानों में आवश्यक संशोधन किया गया है। हमारा पूरा प्रयास है कि राजस्थान अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में वैश्विक पटल पर नई पहचान स्थापित करे।राजस्व मंत्री हरीश चैधरी ने कहा कि पश्चिमी राजस्थान में सौर एवं पवन ऊर्जा के क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं मौजूद है। ऐसे में सरकार की नीतियों से इस क्षेत्र में राजस्थान बड़ा निवेश आकर्षित कर सकता है।