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Rajasthan Makar Sankranti 2022 बाघ पर सवार होकर आएगी संक्रांति | JAIPUR MAKAR SANKRANTI FESTIVAL 2022

Rajasthan Makar Sankranti FESTIVAL 2022 मकर संक्रांति का त्योहार इस बार 14 जनवरी को मनाया जाएगा। Makar Sankranti को दिनभर पुण्यकाल रहेगा। पुण्यकाल सुबह 8.05 बजे शुरू होगा, जो शाम 5.50 बजे तक रहेगा, ऐसे में लेाग दिनभर दान—पुण्य करेंगे। वहीं इस दिन त्रिग्रही योग भी रहेगा। मकर राशि में शनि, बुध और सूर्य देव एक साथ रहेंगे। वहीं मकर संक्रांति का उल्लास बाजार से घर—घर नजर आने लगा है।

जयपुर

Published: January 09, 2022 06:19:06 pm

Rajasthan MAKAR SANKRANTI FESTIVAL जयपुर। मकर संक्रांति का त्योहार इस बार 14 जनवरी को मनाया जाएगा। Makar Sankranti को दिनभर पुण्यकाल रहेगा। पुण्यकाल सुबह 8.05 बजे शुरू होगा, जो शाम 5.50 बजे तक रहेगा, ऐसे में लेाग दिनभर दान—पुण्य करेंगे। वहीं इस दिन त्रिग्रही योग भी रहेगा। मकर राशि में शनि, बुध और सूर्य देव एक साथ रहेंगे। वहीं मकर संक्रांति का उल्लास बाजार से घर—घर नजर आने लगा है। संक्रांति से पहले रविवार को दिनभर शहर में लोगों ने पतंगबाजी की, शहर की छतों से लोगों ने पंतगें उड़ाई। खासकर परकोटे में लोगों ने छतों से खूब पतंगबाजी की। वहीं बाजार में संक्रांति को लेकर खरीददारी शुरू हो गई है।

Rajasthan Makar Sankranti 2022 बाघ पर सवार होकर आएगी संक्रांति

Rajasthan Makar Sankranti 2022 बाघ पर सवार होकर आएगी संक्रांति

ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि 14 जनवरी को दोपहर 2 बजकर 29 मिनट पर सूर्यदेव मकर राशि में प्रवेश कर रहे है। वहीं इससे पहले संक्रान्ति का पुण्यकाल इसी दिन सुबह 8 बजकर 05 पर शुरू हो जाएगा, जो शाम 5 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। इस वर्ष यह संक्रान्ति बाघ पर सवार होकर धोबी के घर में प्रवेश कर रही है। वारनाम मिश्रा बनने से पशुपालकों व डेयरी उत्पादकों को प्रगतिकारक फल प्राप्त होंगे। नक्षत्रनाम मन्दा होने से इस माह में वैज्ञानिकों व विद्वज्जनों का रचनात्मक कार्यों में मन लगा रहेगा।

ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि नक्षत्रनाम मन्दा होने से इस माह में वैज्ञानिकों व विद्वज्जनों का रचनात्मक कार्यों में मन लगा रहेगा। संक्रान्ति प्रवेश के समय बालव करण रहेगा, जिससे इसका वाहन बाघ व उपवाहन घोड़ा बनेगा। भूतजाति की यह संक्रान्ति शरीर पर कुंकुम का लेप लगाकर पीले रंग के वस्त्र एवं चमेली के पुष्प् की माला धारण करके हाथ में गदा शस्त्र लेकर चांदी के बर्तन में खीर का भोजन करती हुई बैठी हुई स्थिति में कुमारी अवस्था में दिन के द्वितीय भाग में प्रवेश कर रही है।

अशुभ फलों से बचने के लिए ये करें
ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि अशुभ फलों से बचने के लिए संक्रान्ति के प्रवेश के समय खड़े होकर सूर्यदेव को जल अर्पित कर 7 बार नमस्कार करना चाहिए। यह संक्रान्ति 45 मुहूर्त्ती होने से धान्यादि के भावों में मन्दी का संचार होगा।

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