Rajasthan

Rajasthan News: ब्रज क्षेत्र धार्मिक और थार क्षेत्र विकास बोर्ड गठन को ऐलान, इसके पीछे क्‍या है गहलोत सरकार का मंसूबा?

हाइलाइट्स

मुख्यमंत्री गहलोत का पर्यटन को बढ़ावा देने महत्वपूर्ण निर्णय
ब्रज क्षेत्र धार्मिक विकास और थार क्षेत्र विकास बोर्ड गठन के प्रस्ताव को मंजूरी
सांस्कृतिक, धार्मिक और पर्यटन क्षेत्र में रोजगार के अवसर को बढ़ावा देंगे बोर्ड
दोनों बोर्ड के मुख्यालय व प्रशासनिक विभाग पर्यटन विभाग जयपुर होगा
बोर्ड में अध्यक्ष सहित चार गैर सरकारी सदस्य होंगे

महिमा जैन

जयपुर. चुनावी वर्ष में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा घरेलु  200 यूनिट बिजली फ्री करने के बाद अब प्रदेश की जनता के लिए ब्रज क्षेत्र की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने और थार क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत ने ब्रज क्षेत्र धार्मिक विकास बोर्ड और थार क्षेत्र विकास बोर्ड के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. दोनों बोर्ड का मुख्यालय जयपुर में होगा और पर्यटन विभाग इनका प्रशासनिक विभाग रहेगा. इनमें पर्यटन विभाग के अतिरिक्त निदेशक (विकास) सदस्य सचिव होंगे.

प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद ब्रज क्षेत्र धार्मिक विकास बोर्ड ब्रज क्षेत्र को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने, धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने, क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने और पर्यटन स्थलों के विकास के लिए राज्य सरकार को कार्य योजना व सुझाव देगा. कार्यों में श्रद्धालुओं की धार्मिक यात्रा, श्री गिर्राज जी 84 कोस परिक्रमा समेत आवागमन के लिए सुगम बनाने, विश्राम स्थलों के विकास, ब्रज संस्कृति से जुड़े पारम्परिक मेलों, उत्सवों और कलाओं का संरक्षण व संवर्धन के कार्य करेगा. इस बोर्ड में अध्यक्ष सहित चार गैर सरकारी सदस्य होंगे, जिनका कार्यकाल पदग्रहण से तीन वर्ष का होगा. सरकारी सदस्यों में पर्यटन विभाग के निदेशक, राजस्थान पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक, राजस्थान राज्य मेला प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, भरतपुर संभागीय आयुक्त या उनके प्रतिनिधि, भरतपुर जिला कलक्टर या उनके प्रतिनिधि शामिल होंगे. इस बोर्ड के कार्यक्षेत्र भरतपुर और करौली जिले में होंगे.

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थार क्षेत्र विकास बोर्ड
वहीं दूसरी ओर थार क्षेत्र विकास बोर्ड का कार्यक्षेत्र चूरू, हनुमानगढ़, बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर एवं बाड़मेर जिलों में रहेगा. यह बोर्ड पर्यटन को बढ़ावा देने, क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने और पर्यटन स्थलों के विकास के लिए राज्य सरकार को सुझाव देगा. साथ ही क्षेत्रीय पर्यटन विकास परियोजनाएं बनाएगा. धोरों पर एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देने के साथ पर्यटकों के लिए ढाणियों में आवास-प्रवास विकसित करेगा. इसके अलावा बोर्ड थार के पारम्परिक हस्तशिल्प, कुटीर उद्योगों, कला शिल्प के संरक्षण-संवर्धन के कार्य भी करेगा. इस बोर्ड में अध्यक्ष सहित चार गैर सरकारी सदस्य होंगे. सरकारी सदस्यों में पर्यटन विभाग निदेशक, राजस्थान पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक, राजस्थान राज्य मेला प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, बीकानेर व जोधपुर के संभागीय आयुक्त या प्रतिनिधि और चूरू, हनुमानगढ़, बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर एवं बाड़मेर के जिला कलक्टर या उनके प्रतिनिधि शामिल होंगे. विशेष आमंत्रित सदस्य भी बैठकों में बुलाए जा सकते हैं.

बोर्ड के गठित होने से पर्यटन को मिलेगी नई दिशा
उम्मीद की जानी चाहिए कि मुख्यमंत्री गहलोत का यह नया नवाचार धरातल पर भी जल्द ही देखने को मिलेंगे. हालांकि चुनावी वर्ष में काम निर्धारित समय पर पूरा करना सरकार के लिए चुनौती पूर्ण रहेगा. इसके साथ ही प्रदेश के पर्यटन को बोर्ड के गठित होने से नई दिशा मिल सकेगी. चुनावी साल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा प्रदेश की जनता के लिए ब्रज क्षेत्र की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने और थार क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लिया गया यह निर्णय कितना महत्वपूर्ण साबित होगा यह आने वाले समय में ही पता चलेगा.

Tags: Ashok gehlot, Ashok Gehlot Government, Jaipur news, Rajasthan news

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