Urban Haat started in Sikar on the lines of JKK of Jaipur, women entrepreneurs set up stalls, products made from millet are the center of attraction

Agency: Rajasthan
Last Updated:February 19, 2025, 17:31 IST
Sikar Urban Haat: सीकर में अर्बन हाट में शेखावाटी संस्कृति और उत्पादों का मेला 24 फरवरी तक चलेगा. 100 से ज्यादा महिला समूहों ने हस्तनिर्मित प्रोडक्ट्स लगाए हैं. बाजरे के उत्पाद और फैंसी जूतियां आकर्षण का केंद्र…और पढ़ेंX
महिला उद्यमी से बात करती महिला एवं बाल विकास मंत्री
हाइलाइट्स
सीकर में अर्बन हाट 24 फरवरी तक चलेगा।100 से ज्यादा महिला समूहों ने हस्तनिर्मित प्रोडक्ट्स लगाए।बाजरे के उत्पाद और फैंसी जूतियां आकर्षण का केंद्र।
सीकर. जयपुर के जवाहर कला केंद्र की तर्ज पर सीकर में अर्बन हाट बनाया गया है, जिसमें शेखावाटी संस्कृति और उत्पादों को एक साथ प्रदर्शित किया जाएगा. इसमें अमृता हाट और शेखावाटी उद्योग मेला की शुरुआत की गई है. इस मेले में 100 से ज्यादा महिला समूहों और उद्यमियों ने हस्तनिर्मित प्रोडक्ट्स लगाए हैं, जो राजस्थानी संस्कृति को बढ़ावा देते हैं. यह मेला 24 फरवरी तक चलेगा.
आकर्षण का केंद्र बना बाजरा उत्पादमहिला अधिकारिता विभाग सीकर के उपनिदेशक राजेंद्र चौधरी ने बताया कि बाजरे से बने बिस्किट और अन्य उत्पाद, चमड़े की जूतियां, पालवास के महिला समूह द्वारा तैयार एक दर्जन तरह के अचार और हैंडीक्राफ्ट के सामान आकर्षण का केंद्र हैं. इसके अलावा, सीकर के रानोली में बैद की ढाणी के महिला समूह ने बाजरे के कई प्रोडक्ट तैयार कर पहचान बनाई है.
मनोरंजन की भी है व्यवस्थाअमृता हाट मेले में आम लोगों के लिए कई खास कार्यक्रम भी हैं. इसमें ओपन थियेटर, कैफेटेरिया, फूड जॉन, लजीज व्यंजन, मनोरंजन के लिए झूले, किड्स जॉन और सेल्फी जॉन भी बनाए गए हैं. इसके अलावा, इस मेले में शेखावाटी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं.
महिलाएं मिलकर चला रही कंपनीसमूह संचालक सुमन ने बताया कि हमने तीन साल पहले नाबार्ड के जरिये बाजरे के प्रोडक्ट बनाने का प्रशिक्षण लिया था. हमारे समूह में 15 महिलाएं हैं. प्रोडक्ट की डिमांड बढ़ी तो हमने सरकारी मदद से बड़े स्तर पर प्रोडक्शन के लिए फैक्ट्री लगा दी. अब हम प्रतिदिन 50 किलो बाजरे से बिस्किट, कुरकुरे, नमकीन, टॉफी, चॉकलेट सहित एक दर्जन प्रोडक्ट बना रहे हैं. बिस्किट की कीमत 500 रु. किलो तक है. प्रोडक्ट की डिमांड दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और शिमला तक होने लगी है. समूह से जुड़ी प्रत्येक महिला हर माह 15 हजार रुपए तक कमा रही है.
महिलाओं द्वारा बनाई फैंसी जूती आ रही पसंदसीकर के लक्ष्मणगढ़ के घाणा गांव के महिला समूह द्वारा तैयार की जा रही चमड़े की जूतियां देशभर में पसंद की जा रही हैं. यह समूह पटियाला, जयपुर की कढ़ाई सहित कई तरह की फैंसी जूतियां बना रहा है. इस समूह की शुरुआत 14 साल पहले की गई थी. यहां काम करने वाली महिलाएं 10 से 20 हजार रुपए प्रतिमाह कमा रही हैं.
Location :
Sikar,Sikar,Rajasthan
First Published :
February 19, 2025, 17:31 IST
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सीकर अर्बन हाट में महिलाओं का जलवा, बाजरे के बिस्किट के दीवाने हुए लोग