The nature of Kartarpura drain will change | करतारपुरा नाले का बदलेगा स्वरूप, सर्वे कार्य हुआ पूरा

सर्वे रिपोर्ट के आधार पर जेडीसी तय करेंगे आगामी रूपरेखा, एक लाख क्यूबिक मीटर उठाया गया कचरा, 25 फीट से 100 फीट की जानी है नाले की चौड़ाई
जयपुर
Published: March 05, 2022 12:35:01 pm
जयपुर. राजधानी जयपुर के सबसे चर्चित करतारपुरा नाले के बहाव क्षेत्र को लेकर जेडीए और जिला प्रशासन की टीम ने सर्वे पूरा कर लिया है। सर्वे रिपोर्ट जल्द ही जेडीसी को सौंपी जाएगी। रिपोर्ट के बाद ही करतारपुरा नाले को पक्का करने की योजना बनाई जाएगी। वर्तमान में करतारपुरा नाले का कितना हिस्सा सरकारी या निजी खातेदारी भूमि पर बह रहा है इसका पता लगाया जा रहा है। पूर्व में नाले को पक्का करने के दौरान स्थानीय लोगों ने विरोध किया था, उनका कहना था कि यह नाला जहां बह रहा है वह निजी खातेदारी की जगह है। इसके चलते नाले के एक बड़े हिस्से को पक्का नहीं किया जा सका। एडीएम नोर्थ, जयपुर बीरबल सिंह ने बताया कि करतारपुरा नाले का सर्वे पूरा कर लिया है। सर्वे रिपोर्ट जेडीसी को सौंपी जाएगी। गौरतलब है कि हर साल बारिश के सीजन में नाले की उंचाई कम होने से यह आमजन के लिए आफत बनता है।

करतारपुरा नाले का बदलेगा स्वरूप, सर्वे कार्य हुआ पूरा
गौरतलब है कि वर्तमान में करतारपुरा नाला निजी भूमि पर बह रहा है, उसकी चौड़ाई निर्धारित करने में निजी खातेदार अड़चन पैदा कर रहे है। ऐसे में जेडीए लम्बे समय से नाले की जमीन खोजने में लगा है, लेकिन उसे इसमें सफलता नहीं मिल पा रही है। वजह साफ है कि नाले ने अपना रुख 1981 की बाढ़ में बदला था। उससे पहले नाला कहां पर बह रहा था उसका रिकॉर्ड रेवेन्यू विभाग से नहीं मिल पा रहा है। इसी वजह से लगातार उसे अतिक्रमण मुक्त करवाने और सफाई में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्मार्ट सिटी वर्क के तहत पूर्व में करीब 125 करोड़ रुपए में नाले को पक्का किया जाना था।
दो किमी हिस्सा निजी भूमि पर
जानकारी के मुताबिक जेडीए ने 4.8 किमी करतारपुरा नाले की साफ-सफाई सहित अन्य कामों पर पूर्व में लाखों रुपए खर्च किए थे। करतारपुरा नाले से करीब एक लाख क्यूबिक मीटर कचरा उठाया गया। करतारपुरा नाला जयपुर-सवाईमाधोपुर रेलवे लाइन से शिप्रापथ तक बहता है। इस दूरी के बीच में करीब 5-6 स्थानों पर यह नाला प्राइवेट लैंड पर बह रहा है। करतारपुरा नाले की साफ-सफाई और डिमार्केशन पर करीब 125 करोड़ रुपए खर्च होने थे। करतारपुरा नाले की चौड़ाई करीब 100 फीट की जानी है। वर्तमान में यह नाला करीब 10 से 25 फीट की गहराई में बह रहा है।
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