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Rajasthan Politics: RSS की सक्रियता से बेचैन हुई कांग्रेस, हमले का नहीं छोड़ रही कोई मौका, जानें वजह

हाइलाइट्स

राजस्थान का सियासी घमासान
आरएसएस पर हमलावर हुई कांग्रेस
कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कर रही मुकाबले का आह्वान

जयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनाव की घड़ियां नजदीक आने के साथ ही सूबे का सियासी पारा लगातार गरमाया हुआ है. कांग्रेस आरएसएस (RSS Vs Congress) की सक्रियता से बेचैन है. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद डोटासरा संघ पर हमलावर हैं. वे कार्यकर्ताओं को संघ से मुकाबले करने के लिए तैयार रहने का आह्वान करते दिख रहे हैं. राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की बढ़ती गतिविधियां, संघ प्रमुख के लगातार दौरे और हर वर्ग को संघ से जोड़ने की दिशा में हो रहे अनूठे आयोजनों ने राजस्थान में कांग्रेस की नींद उड़ा दी है.

पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने संघ के विरोध का झंडा बुलंद कर रखा है. वे लगातार संघ पर हमले बोल रहे हैं. संघ और भाजपा को रोकने के लिए हर तरह की कुर्बानी देने की बात कह कर कार्यकर्ताओं में जोश का संचार करने की कोशिश कर रहे हैं. डोटासरा बीजेपी और आरएसएस को झूठा और बेईमान तक बता रहे हैं. कांग्रेस संघ की ताकत को बखूबी जानती है. संघ की घर घर तक पहुंच और उसके विशाल नेटवर्क का सांस्कृतिक ताना बाना हिंदुत्व की विचारधारा के इर्द गिर्द घूमता है.

राष्ट्र निर्माण और चरित्र निर्माण की लेबोरेट्री माना जाता है संघ
संघ दुनियाभर में लाखों शाखायें रोज लगाता है. राष्ट्र निर्माण और चरित्र निर्माण की लेबोरेट्री माने जाने वाले संघ की चुनाव में पर्दे के पीछे की भूमिका से हर कोई वाकिफ है. बस यही कांग्रेस की सबसे बड़ी चिंता की वजह है. इसलिए आरएसएस और भाजपा को ही एक संगठन बताकर कांग्रेस संघ के प्रति लोगों में विरोध पैदा करना चाहती है. कांग्रेस के नेताओं की ओर से भाजपा को संघ का मुखौटा करार देने की कोशिशें की जा रही है.

डोटासरा दे रहे ये चेतावनी
कांग्रेस प्रचारित कर रही है कि संघ ही असली भाजपा है. भाजपा तो सिर्फ नाम की है. वास्तविक शक्ति संघ के ही हाथ में है. वो ही टिकट तय करता है. वो ही मंत्री और मुख्यमंत्री बनाता है. वो ही पदाधिकारियों को जिम्मेदारी देता है. डोटासरा बीजेपी से ज्यादा संघ को कांग्रेस के लिए खतरनाक मानते हैं. डोटासरा तो यहां तक चेतावनी दे रहे हैं कि 2023 में राजस्थान और 2024 में केंद्र में कांग्रेस की सरकार आने के बाद संघ के कार्यकर्ता ढूंढे से भी नहीं मिलेंगे.

कांग्रेस के पास भी है संघ जैसा संगठन सेवादल
हालांकि कांग्रेस के पास सेवादल जैसा एक संगठन है लेकिन वो अब इतना मजबूत नहीं रहा कि उसकी पहुंच घर घर तक हो. इसलिए चुनावी साल में संघ के बढ़ती गतिविधियां कांग्रेस के लिए चिंता की वजह बनी हुई है. कहने को कुछ भी कहा जाये लेकिन इस बात में कहीं न कहीं कुछ सच्चाई जरूर है कि संघ की विचारधारा ही बीजेपी सरकारों को शासित, नियंत्रित और निर्देशित करती है.

बीजेपी ने डोटासरा को चेताया
कांग्रेस संघ को राजनीतिक संगठन मानती है. सीएम गहलोत से लेकर डोटासरा तक सब संघ को कई बार चुनाव लड़ने तक का न्यौता दे चुके हैं. डोटासरा की आक्रामकता को बीजेपी भला कहां तक बर्दाश्त करती है. लिहाजा उसके नेताओं ने भी डोटासरा को चेताया है कि अब संघ पर इस तरह की टीका टिप्पणियां बर्दाश्त नहीं की जाएंगी. ये सच है कि आज बीजेपी के अधिकांश विधायक संघ की नर्सरी में पले बढ़े हैं. आज भी संघ के आयोजनों में कदमताल से लेकर शाखा तक में संघ के गणवेश में भाजपा नेता नजर आते हैं.

संघ को लेकर यह है कांग्रेस की रणनीति
पार्टी के कार्यालयों में संगठन महामंत्री का पद प्रदेश के अध्यक्ष से कम मजबूत नहीं होता. संघ खुद राजनीति करने से इनकार करता है लेकिन यह सब जानते हैं कि संघ ही भाजपा की प्राणवायु है. बीजेपी जो नेता संघ का करीबी होता है उसे टिकट पाने में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ती. जो संघ की आंख की किरकिरी बन जाए उसका पत्ता कटने में भी ज्यादा वक्त नहीं लगता. इसलिए डोटासरा संघ पर हमला बोलकर भाजपा को ही कटघरे में खड़ा करना चाहते हैं ताकि मतदाताओं को लगे कि असली पार्टी संघ है न कि भाजपा. कांग्रेस को लगता है वोटर कंफ्यूज होगा तो कि फायदा उसे ही होगा.

Tags: Govind Dotasara, Mohan bhagwat, Rajasthan bjp, Rajasthan Congress, Rajasthan news, Rajasthan Politics

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