Rajasthan Politics : ठाकुर का कुंआ..,तब मनोज झा, अब हरीश चौधरी, राजस्थान कांग्रेस में छिड़ा संग्राम – harish chaudhary thakur ka kuan remark in Assembly heats up Rajasthan politics congress leader pratap singh khachariyawas also hits back manoj jha
जयपुर. राजस्थान में जारी बजट सत्र के दौरान गुरुवार को विधानसभा में कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी के एक बयान के बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई है. सदन में चौधरी ने चौधरी ने ठाकुर के कुएं पर बयान दिया था. बयान को लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ था. अब कांग्रेस के राजपूत समाज के नेता भी हरीश चौधरी के बयान के विरोध में उतर आए हैं. पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने जताया हरीश चौधरी के बयान का विरोध किया है. खाचरियावास ने कहा कि ‘ठाकुर का कुआं सभी जाति-धर्म के लोगों के लिए है. जातिगत राजनीतिक बयानों से समाज में द्वेष फैलता है. बीजेपी या कांग्रेस के नेताओं को सामाजिक द्वेषता फैलाने का अधिकार नहीं है.’
प्रताप सिंह खाचरियावास ने अपने एक ट्वीट में लिखा, ‘चूल्हा मिट्ठी का , मिट्ठी रणभूमि की, रणभूमि ठाकुर की, युद्ध देश का, देश सबका, तलवार की मुठिया ठाकुर कि, सर कटा ठाकुर का, मां की कोख सुनी हुई ठाकुर कि, पत्नी विधवा हुई ठाकुर की, बच्चे अनाथ हुए ठाकुर के ………’
खाचरियावास ने आगे कहा, ‘कुआं सबका है, सबकी प्यास मिटाता है. प्यार और प्रेम का पानी सबको पिलाता है. चाहे घर टूटा हो या फूटा हो, चाहे हवेली छोटी हो, चाहे खुद को रोटी ना मिले, लेकिन सबकी सुनता है. दलित, शोषित, पीड़ित..और जो सबसे पीछे खड़ा होकर दर्द के लिए पुकरता है, उसका दर्द मिटाने के लिए निकलता है. खुद अपनी गर्दन कटवा लेता है लेकिन गांव में, चौराहे पर खुद मरने की ताकत रखता है. वही तो ठाकुर का कुआं है. क्या गुनाह कर दिया ठाकुर के कुएं ने. ठाकुर के कुएं ने सबसे बड़ा कुछ काम किया है तो देश के लिए, धरती के लिए, मां के लिए, अभिमान के लिए, धर्म के लिए, सच्चाई के लिए. हमेशा आगे बढ़कर अपनी गर्दन कटवाने का काम किया है. ऐसे में हम उसको गलत बताना चाहते हैं जो हमेशा सबके लिए जीता है. जो जाति और धर्म से उठकर अपने गांव के लिए, अपने देश के लिए, अपनी मां-बहन बेटी के सम्मान के लिए जो लड़ता है, वही ठाकुर का कुआं है.’
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दरअसल, बायतु से कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने विधानसभा में ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता ‘ठाकुर का कुआं’ की कुछ पंक्तियां पढ़ते हुए बजट पर तीखा व्यंग्य किया था. हरीश चौधरी ने कहा था, ‘बजट के अंदर दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों की क्या स्थिति है, यह हम लोग ही महसूस कर सकते हैं. बजट को देखकर तो लगता है कि यह बड़े-बड़े महल ठाकुरों के लिए है.’
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हरीश चौधरी के इस बयान को लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ था. शिव सीट से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने कहा, “यह किले, यह महल शौर्य और गाथा, अर्पण, समर्पण और तर्पण के प्रतीक हैं. मुगल आक्रांताओं के हमलों के समय हमारी बहन-बेटियों की इज्जत बचाने के लिए यही किले और महल काम आते थे.’ भाटी ने हरीश चौधरी पर रिफाइनरी घोटाले का भी आरोप लगाया.
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FIRST PUBLISHED : July 19, 2024, 23:29 IST