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भीलवाड़ा: राजस्थान प्रदेश में पहली बार कपड़ा उद्योग के लिए अलग से पॉलिसी लागू होने जा रही है. प्रदेश सरकार ने राजस्थान टेक्सटाइल एंड अपैरल पालिसी-2024 का ड्राफ्ट जारी कर दिया है. इसी सप्ताह पॉलिसी जारी हो जाएगी. इसमें कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए नए प्रावधान किए हैं. कपड़ा उद्योग को पूर्व में रिप्स-2022 के तहत न्यूनतम 13 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी मिलती थी, जिसे बढ़ाकर न्यूनतम 25 प्रतिशत कर दिया गया है. इससे नए कपड़ा उद्योगों की स्थापना होगी.

सोलर पावर प्लांट के लिए सब्सिडीपहले सोलर कैप्टिव पावर कंजर्वेशन के लिए सोलर प्लांट लगाने के लिए कोई सब्सिडी नहीं थी. अब यदि कोई उद्यमी खुद के उपभोग के लिए सोलर पावर प्लांट लगाता है, तो उसे 50 फीसदी कैपिटल सब्सिडी मिलेगी. पॉलिसी में विविंग, प्रोसेसिंग व स्पिनिंग उद्योग के साथ ही गारमेंट्स उद्योग का भी पूरा फोकस रखा गया है.

गारमेंट्स उद्योग में निवेशगारमेंट्स उद्योग में नया निवेश बढ़ रहा है. इस सेक्टर में कुछ शर्तें पूरी करने पर प्रति श्रमिक-प्रतिमाह तीन हजार रुपए का अनुदान उद्यमी को मिलेगा. गारमेंट्स उद्योग को मध्यप्रदेश, गुजरात व महाराष्ट्र की तर्ज पर बढ़ावा मिलेगा.

कॉमन फैसिलिटी सेंटरसरकार ने कॉमन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी) को बढ़ावा देने के लिए भी पॉलिसी में प्रावधान किया है. टेक्सटाइल से जुड़ी बड़ी मशीनें या ट्रेनिंग यूनिट एक उद्यमी के लगाने की क्षमता से बाहर हैं, तो कुछ यूनिट मिलकर कॉमन फैसिलिटी सेंटर विकसित कर सकते हैं. इसमें भी 50 प्रतिशत या 10 करोड़ रुपए के अनुदान का प्रावधान है. स्किल श्रमिक तैयार करने वाले ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के लिए भी इतना ही अनुदान मिलेगा.

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निवेश और रोजगार का लक्ष्यराज्य सरकार का इस पॉलिसी को लाने का मुख्य उद्देश्य वर्ष 2029 तक टेक्सटाइल सेक्टर में 15 हजार करोड़ रुपए का निवेश और दो लाख नए रोजगार पैदा करना है. वर्तमान में देश के कुल निर्यात का 12 प्रतिशत टेक्सटाइल सेक्टर का है. इस पॉलिसी से यह 12 प्रतिशत से बढ़कर 20 प्रतिशत होने का अनुमान है.

Tags: Bhilwara news, Local18, Rajasthan news, Special Project

FIRST PUBLISHED : October 20, 2024, 19:01 IST

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