Rajasthan Tourism Season Resumes – पर्यटन सत्र शुरू, आगामी दिनों में देखने को मिलेंगे कई बदलाव

कोरोना काल के बाद प्रदेश में पर्यटन के नए अवसर तलाशने के लिए कई कवायद जारी है। इस बीच एक सितंबर से उम्मीदों का पर्यटन सत्र एक बार फिर से शुरू हो गया है।

जयपुर। कोरोना काल के बाद प्रदेश में पर्यटन के नए अवसर तलाशने के लिए कई कवायद जारी है। इस बीच एक सितंबर से उम्मीदों का पर्यटन सत्र एक बार फिर से शुरू हो गया है। पर्यटन विभाग की ओर से आगामी दिनों के लिए घरेलु पर्यटकों के लिए पूरा शेडयूल तैयार किया है, वहीं दिसंबर 2021 तक प्रदेश में दस लाख पर्यटकों के आने का अनुमान जताया है। हालांकि 30 सितंबर तक अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद रहेगी। इस बीच जयपुर समेत प्रदेश में विभिन्न राज्यों से लगातार सैलानियों की आवाजाही देखने को मिल रही है। सभी जगहों पर कोरोना के दिशानिर्देशों की पालना पर्यटक कर रहे हैं।
इनका रखा प्रावधान-
इस बीच साल के अंत तक ईको टूरिज्म (पर्यावरण पर्यटन) को बढ़ावा देगी। पर्यावरण के करीब रहकर लोग गुजरात, मध्यप्रदेश की तर्ज पर यहां घूमने का नया अनुभव ले सकेंगे। इसके लिए पहली बार नीति बनाई गई है। नीति में लेपर्ड सफारी, बर्ड वॉचिंग पाइंट्स, डेजर्ट नाइट, टाइगर रिजर्व, रीवर कैंपिंग, बोटिंग, बायो-डायवर्सिटी, हॉट स्पॉट और एग्रीकल्चर टूरिज्म का प्रावधान किया गया है।
तैयारियां पूरी-
पर्यटन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक देशी-विदेशी पर्यटकों को जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर और नागौर जैसे रेगिस्तानी जिलों में लाने के लिए डेजर्ट टूरिज्म को बढ़ावा देगी। इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई है। दो से तीन महीने में डेजर्ट टूरिज्म में कई बदलाव की सौगात पर्यटकों को सबसे पहले मिलेगी। इस तरह कोटा संभाग में रीवर एडवेंचर, बोटिंग, ओवर नाइट कैंपिंग खास आकर्षण के केंद्र होंगे। छोटी झील, तालाब और पुरानी बावड़ियों को संरक्षित करने के साथ ही पर्यटकों को वहां तक पहुंचाने के लिए योजना बनाई का प्रावधान किया गया है। यह नीति अगले 10 साल के लिए बनाई गई है। सामान्य पर्यटन के साथ-साथ ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने से न सिर्फ पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा दिया जा सकता है, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।