Rajasthan

Rajasthan Upchunav : झुंझुनूं में बबलू मान गए, कांग्रेस के अमित आ गए, 11 साल बाद एकजुट हुई बीजेपी

झुंझुनूं. राजस्थान की बहुचर्चित झुंझुनूं विधानसभा सीट का चुनावी मुकाबला अब रोचक हो गया. यहां बीजेपी ने कांग्रेस प्रत्याशी घोषित होने से पहले ही बगावत पर काबू पा लिया है. यहां बीजेपी प्रत्याशी घोषित होने के साथ ही बगावत हो गई थी. लेकिन भाजपा ने समय रहते डैमेज कंट्रोल कर लिया है. अब यहां बीजेपी 11 साल बाद एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरेगी. कांग्रेस ने झुंझुनूं में एक बार फिर से शीशराम ओला परिवार पर भरोसा जताते हुए उनके पौत्र अमित ओला को चुनाव मैदान में उतारा है. अमित ओला के मैदान में उतरने और बीजेपी के बबलू के मान जाने से सियासी समीकरण बदल गए हैं.

झुंझुनूं में गुलाबी सर्दी की दस्तक के साथ ही सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. लंबी जद्दोजहद के बाद कांग्रेस ने भी बुधवार देर रात को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया. कांग्रेस नेता बृजेंद्र ओला के सांसद बनने से खाली हुई झुंझुनू विधानसभा सीट पर उनके ही पुत्र अमित ओला को प्रत्याशी बनाया है. अमित ओला चिड़ावा पंचायत समिति के सदस्य हैं. अमित युवा हैं. उनके पास ओला परिवार की राजनीतिक विरासत है.

सीएम से मुलाकात के बाद बबलू मानेवहीं बगावत का दंश झेल रही भाजपा इस बार बागियों को मनाने में कामयाब हो गई है. झुंझुनूं विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रभारी लगाए गए मंत्री सुमित गोदारा और संगठन के प्रदेश मंत्री विजेंद्र पूनिया ने भाजपा के बागी बबलू चौधरी को मना लिया है. मंत्री गोदारा और पार्टी के प्रदेश मंत्री विजेंद्र पूनिया बबलू चौधरी को लेकर मंगलवार को जयपुर गए थे. वहां पर सीएम आवास पर करीब डेढ़ घंटे तक वार्ता हुई. उसके बाद बबलू चौधरी ने चुनाव नहीं लड़ने और भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी राजेंद्र भाम्बू के समर्थन में प्रचार प्रसार करने का ऐलान किया.

डॉ. कमल सैनी भी आखिरकार मान गएबीजेपी के सामने दूसरी बड़ी चुनौती सैनी समाज की नाराजगी थी. सैनी समाज ने भी निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की थी. इसके लिए भाजपा से टिकट की दावेदारी जता रहे डॉ. कमल सैनी को निर्दलीय प्रत्याशी उतारने की घोषणा की गई थी. लेकिन डॉक्टर कमल सैनी को भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष पवन मावण्डिया झुंझुनू प्रभारी मंत्री अविनाश गहलोत से वार्ता करवाने के बाद जयपुर सीएम आवास लेकर गए. वहां सीएम से मिले आश्वासन के बाद डॉक्टर कमल सैनी भी चुनाव नहीं लड़ने को लेकर मान गए. अब भाजपा एकमुखी होकर चुनाव लड़ेगी.

झुंझुनूं सीट पर 2013 में हुई थी बगावत की शुरुआतझुंझुनूं विधानसभा सीट पर 2013 में सुमित्रा सिंह ने बगावत की शुरुआत की थी. उसके बाद 2018 के चुनाव में भाजपा नेता बबलू चौधरी ने बागी होकर चुनाव लड़ा था. 2023 के आम चुनाव में भाजपा ने बबलू चौधरी को अधिकृत प्रत्याशी बनाया था तब राजेंद्र भाम्बू ने बगावत कर चुनाव लड़ा था. इस बार बबलू चौधरी को फिर बागी हो गए थे. लेकिन इस बार भाजपा ने बगावत पर काबू पा लिया है. झुंझुनूं में बीजेपी 11 साल बाद एकमुखी होकर चुनाव लड़ेगी. लेकिन पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के झुंझुनूं से उपचुनाव ताल ठोकने के कारण मुकाबला और रोचक हो गया है. इससे कांग्रेस और बीजेपी के लिए राजपूत वोटों को अपने पक्ष में रखना चुनौती होगी.

Tags: Assembly by election, Jhunjhunu news, Rajasthan news, Rajasthan Politics

FIRST PUBLISHED : October 24, 2024, 09:10 IST

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj