PTI भर्ती में शामिल 70 प्रतिशत अभ्यार्थियों की डिग्री बाहरी, डिग्री संदिग्ध
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से पीटीआई भर्ती में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के दस्तावेज की जांच का काम पूरा कर लिया गया है। दिसंबर में हुए वैरिफिकेशन में अनुुपस्थित अभ्यर्थियों के दस्तावेज की जांच 11 और 12 जनवरी को पूरी की गई। जांच में 70 फीसदी अभ्यर्थियों के पास बाहरी राज्यों के विश्वविद्यालयों की डिग्री मिली है। वहीं, 30 फीसदी अभ्यर्थी ऐसे थे जो दूसरी बार भी दस्तावेज जांच कराने नहीं पहुंचे।
ऐसे में इन सभी अभ्यर्थियों पर सवाल खड़े हो रहे हैं। गौरतलब है कि द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा में पेपर लीक गिरोह के पास पीटीआई, फायरमैन सहित कई भर्तियों से जुड़े दस्तावेज मिले हैं। गिरोह के सरगना भूपेन्द्र सारण ने पीटीआई भर्ती के अभ्यर्थियों को बाहरी राज्यों की डिग्री बांटी थी। इसकी आशंका जताते हुए राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने भी पीटीआई भर्ती के अभ्यर्थियों की डिग्रियों की गहनता से जांच शुरू की थी। लेकिन जांच को अंतिम रूप नहीं दिया गया है।
सवाल : बाहरी डिग्री वाले अनुपस्थित क्यों रहे
कर्मचारी बोर्ड ने दिसंबर भी दस्तावेज की जांच की थी। इस समय करीब 300 से अधिक अभ्यर्थी अनुपस्थित थे। ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि एक साथ इतनी संख्या में अभ्यर्थी अनुपस्थित क्यों रहे। बताया जा रहा है कि भूपेन्द्र सारण ने पिछले महीनेे ही कई अभ्यर्थियों को बाहरी राज्यों की डिग्री बांटी थी, इनमें पीटीआई के अभ्यर्थी भी शामिल थे। समय से डिग्री नहीं आने पर ये अभ्यर्थी दस्तावेज जांच में नहीं पहुंचे थे।
पिछली भर्ती से दो गुणा अधिक आवेदन
2018 में पीटीआई भर्ती में 4500 पदों के लिए करीब 23000 आवेदन आए थे। चार वर्ष बाद 2022 में 5546 पदों के लिए 56 हजार से अधिक आवेदन आए हैं। यानी चार साल में 33 हजार आवेदन बढ़ गए। राज्य में शारीरिक शिक्षा की डिग्री देने वाले 17 कॉलेज हैं, जिनमें 1500 सीटें हैं। चार वर्ष में डिग्री लेने वालों की संख्या छह हजार होगी। सवाल है कि 33 हजार अतिरिक्त आवेदन कहां से आए।