Big success of CSIR-SEE in semiconductor manufacturing sector, indigenous semiconductor LED chip will give India a strong lead in the global market.

Last Updated:March 03, 2025, 17:50 IST
भारत ने सेमीकंडक्टर विनिर्माण में एक बड़ी सफलता हासिल की है. सीएसआईआर-सीरी पिलानी के वैज्ञानिकों ने पहली स्वदेशी एलईडी चिप विकसित की है, जो भारत को आत्मनिर्भर बनाएगी और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर निर्भरता कम क…और पढ़ेंX
सेमीकंडक्टर विनिर्माण क्षेत्र में सीएसआईआर-सीरी की बड़ी सफलता, स्वदेशी सेमीकंडक्
रविन्द्र कुमार/ झुंझुनूं- भारत सेमीकंडक्टर विनिर्माण के क्षेत्र में एक नई क्रांति की ओर बढ़ रहा है. सीएसआईआर-सीरी पिलानी के वैज्ञानिकों ने देश में पहली बार स्वदेशी एलईडी चिप विकसित कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है. यह चिप लाल, नीली, हरी और सफेद रोशनी देने में सक्षम है. अब तक भारत को एलईडी चिप्स के लिए अन्य देशों पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन अब यह तकनीक देश में ही विकसित हो रही है.
स्वदेशी तकनीक से आत्मनिर्भरता की ओर कदमस्वदेशी सेमीकंडक्टर एलईडी तकनीक न केवल बिजली की खपत को कम करेगी बल्कि यह ऑटोमोबाइल, चिकित्सा, कृषि, संचार, रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र में भी सहायक होगी. यह सफलता भारत को वैश्विक एलईडी बाजार में एक मजबूत स्थान दिलाने और आत्मनिर्भर भारत मिशन को मजबूती प्रदान करने में सहायक होगी.
वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर भारत की निर्भरता होगी कमसेमीकंडक्टर चिप्स को स्मार्टफोन, डेटा सेंटर, कंप्यूटर, स्मार्ट डिवाइसेज़, वाहन, चिकित्सा उपकरण, रक्षा और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जाता है. वर्तमान में ताइवान सेमीकंडक्टर उत्पादन में 63% हिस्सेदारी रखता है, लेकिन चीन और ताइवान के बीच बढ़ते तनाव से वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. ऐसे में भारत में इस तकनीक का विकास बेहद जरूरी हो गया है.
सेमीकंडक्टर उद्योग में आत्मनिर्भरता की जरूरतभारत ने 2023 में सेमीकंडक्टर चिप्स के आयात पर 23,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, 2032 तक यह लागत 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है. ऐसे में स्वदेशी उत्पादन देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा और भारत को एक वैश्विक आपूर्तिकर्ता के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा.
वैज्ञानिकों ने किया तकनीकी बाधाओं को पारसीएसआईआर-सीरी के निदेशक डॉ. पीसी पंचारिया के अनुसार, इस परियोजना को सफल बनाने के लिए वैज्ञानिकों को कई तकनीकी चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें सामग्री चयन, फैब्रिकेशन प्रक्रिया, पैकेजिंग और गुणवत्ता नियंत्रण शामिल था. बावजूद इसके, वैज्ञानिकों ने सफलता हासिल कर स्वदेशी एलईडी चिप का निर्माण किया.
सेमीकंडक्टर क्षेत्र में विश्व नेतृत्वसीएसआईआर-सीरी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. कुलदीप सिंह ने बताया कि अब तक भारत को चीन, ताइवान, जापान और दक्षिण कोरिया से चिप्स आयात करने पड़ते थे. लेकिन अब स्वदेशी निर्माण से भारत को तकनीकी आत्मनिर्भरता मिलेगी. हालांकि, वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति का हिस्सा बनने के लिए भारत को अभी बड़े निवेश और अनुसंधान की आवश्यकता होगी.
Location :
Jhunjhunu,Rajasthan
First Published :
March 03, 2025, 17:50 IST
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विदेशी चिप्स पर निर्भरता खत्म! भारत में बनी पहली स्वदेशी एलईडी चिप