Rajasthan

Rajasthani flavour Guna, Gangaur’s special sweet is available for taste only one day in  – News18 हिंदी

मोहित शर्मा/करौलीः राजस्थानी संस्कृति का सबसे खास पर्व गणगौर है. इसके नजदीक आते ही राजस्थान के मिठाई बाजार महकना शुरू हो जाते है. साल में एक दिन मिलने वाली इस मिठाई का नाम भी बेहद खास है. गणगौर के त्योहार पर रसोइयों और बाजारों में बनने वाली इस मिठाई को गुना के नाम जाना जाता है. आकार में यह एकदम कड़े जैसी दिखाई देती है. अन्य मिठाइयों से इसका स्वाद भी थोड़ा हटके होने के कारण लोगों को इसका बेसब्री से इंतजार रहता है.

राजस्थान के इस मिठाई का बाजारों में मांग इतनी जबरदस्त रहती है कि गुना नाम की इस मिठाई की पूर्ति तक नहीं हो पाती. राजस्थान के अलग-अलग क्षेत्रों में यह मिठाई कई प्रकार से बनाई जाती है. राजस्थान के करौली में यह मिठाई चार प्रकार से तैयार की जाती है. करौली में गणगौर से 10-12 दिन पहले ही यह मिठाई बनना शुरू हो जाती है. यहीं कारण है कि दूरदराज तक इसकी जबरदस्त मांग रहती है.

करौली में होती है हजारों क्विंटल की खपत
गणगौर को लेकर करौली की अधिकांश मिठाइयों की दुकानों पर यह मिठाई खासतौर से बड़ी मात्रा में तैयार की जाती है. मिठाई व्यापारी नरेंद्र सिंह बताते हैं कि करौली में बनने वाली गुना की मिठाई की बाहर तक सप्लाई होती है. राजस्थान में तो करौली के गुना की मांग रहती ही है साथ ही महाराष्ट्र और गुजरात में भी रहती है. हजारों क्विंटल में इस मिठाई की खपत करौली में गणगौर के पर्व पर होती है. साल में एक बार ही बना इस मिठाई की सबसे बड़ी खासियत है.

चार प्रकार से बनते है गुना
इस मिठाई को तैयार करने वाले विनोद गुप्ता बताते हैं कि करौली में चार प्रकार से गुना बनाए जाते हैं. इसमें एक प्रकार मैदा के मीठे गुना, दूसरा मैदा के नमकीन गुना, तीसरा बेसन के गुना और चौथा मैदा की छोटी साइज वाली छल्ले वाले गुना. इन चारों प्रकारों में एक गुना बड़े साइज का कड़े के आकार में बनता है. दूसरे साइज में एक गुना उंगली के द्वारा साइज में उंगली के बराबर छल्ला वाला बनता है. गुप्ता बताते हैं की गणगौर पर इन सभी की डिमांड इतनी रहती है कि हम पूर्ति तक नहीं कर पाते.

10-12 दिन पहले से बनना हो जाता है शुरू
मिठाई व्यापारियों के मुताबिक इस मिठाई को 10 12 दिन पहले ही व्यापारी तेल में सेसुखा रखकर तैयार कर लेते हैं. गणगौर आने से 2 दिन पहले इस पर चासनी चढाई जाती है. व्यापारी विनोद गुप्ता बताते हैं इस मिठाई में मैदा, डालडा और देशी घी और चासनी से तैयार किया जाता है. सबसे पहले इसे तैयार करने के लिए मैदा का आटा लगाया जाता है और फिर गुना की साइज फिक्स कर उसकी जलेबी या घेवर बनाने वाली तई में गुना कि सिकाई की जाती है. सबसे लास्ट में इसे मीठा बनाने के लिए इसके ऊपर मोटे तार वाली चासनी चढ़ाई जाती. गणगौर की खास मिठाई करौली में रुपए 150 से लेकर 300 किलो तक बिकती है.

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Tags: Food, Food 18, Local18, Street Food

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