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राजस्थान का सबसे बड़ा आर्ट सेंटर, जहां हजारों कलाकारों ने किया है अपनी अद्भुत कला का प्रदर्शन

जयपुर:- जयपुर अपनी कला संस्कृति के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है, साथ ही यहां कला को बढ़ावा देने वाले खास मंच जहां से हजारों कलाकार बनकर लोग निकले हैं, ऐसा ही जयपुर का जवाहर कला केंद्र है. जहां आर्ट, पेंटिंग, संगीत, और लेखन से जुड़े प्रेमियों का जमावड़ा हर समय लगा रहता है. आज इस जयपुर जवाहर कला केंद्र की स्थापना के 32 साल पूरे हुए हैं, जहां सालों से राजस्थानी कला संस्कृति की परंपरा को कलाकारों ने आगे बढ़ाया है. इस भवन की रचना वास्तुशिल्पी चार्ल्स कोरिया ने नवग्रहों की अवधारणा पर की थी, जिसमें हर हिस्सा अलग ग्रहों के रंग और स्वभाव को दर्शाता है

आपको बता दें जवाहर कला केंद्र की नींव 1986 में रखी गई थी, जिसके लिए चार्ल्स कॉरिया ने इसका डिजाइन तैयार किया था. 1993 में जवाहर कला केंद्र कलाकारों के लिए खोला गया था, जिसके बाद से अब तक यह मंच शहर का सबसे प्रमुख आर्ट सेंटर हैं, यहां हर दिन देश दुनिया के कलाकार अपनी कलाओं से लोगों को मोहित करते हैं, जवाहर कला में हर दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों, पेंटिंग एग्जिबिशन, हैंडमेड प्रोडक्ट्स के मेलों का आयोजन होता रहता है. यहां लोग भी भारी संख्या में पहुंचते हैं. जवाहर कला केंद्र जयपुर का एक ऐसा अनोखा मंच हैं जहां हर क्षेत्र की कला से संबंधित कलाकार अपनी कला को प्रदर्शित करने आते हैं, यहां विशेष मौकों पर नाटकों का मंचन, संगीत वाद्ययंत्रों की प्रस्तुति, कार्यशालाएं लगातार आयोजित होती रहती हैं.

क्या खास है जयपुर जवाहर कला केंद्र में आपको बता दें कलाकारों के लिए जयपुर का जवाहर कला केंद्र एक ऐसा अनोखा मंच है, जहां कलाकारों को सभी सुविधाएं और संसाधन एक ही जगह मिल जाते हैं. जवाहर कला केंद्र के भवन को नवग्रह के रूप में बनाया गया था, जहां रंग, चरित्र, ज्योतिषीय मूल्यों और कार्यक्षमता, संबंधित अलग ग्रहों के रंग और स्वभाव को दर्शाता है. इस केंद्र में अलग-अलग मंच बने हुए हैं, जिनमें थिएटर, प्रदर्शनी, दीर्घाएं, छात्रावास, रेस्तरां, सभागार और कॉफी हाउस शामिल हैं. जवाहर कला केंद्र का पूरा भवन लाल बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर से बना हुआ है, जो दूर से ही लोगों को आकर्षित करता है.

जवाहर कला में एक विशाल ‘संदर्भ लाइब्रेरी है, जहां 14 हजार किताबों का संग्रह हैं, साथ ही भवन के प्रवेश द्वार पर केंद्रीय गुंबद की छत पर जैन पौराणिक कथाओं को दर्शाते भित्ति चित्र और सुंदर पेंटिंग बनी हुई हैं, इतना ही नहीं इस केंद्र में कलाकारों के मंचन के लिए तीन थिएटर हैं, जहां एक साथ 400 से अधिक लोग बैठकर कार्यक्रम देख सकते हैं. बंद थिएटर के अलावा यहां एक खास ओपन थिएटर परिसर भी बना हुआ है, जहां कलाकार अपने नाटकों का अभ्यास करते हैं, इन चीजों के अलावा जवाहर कला में बना कॉफी हाउस जहां लोग इडली, डोसा और उत्तपम जैसे दक्षिण भारतीय व्यंजन का स्वाद भी ले सकते हैं.

युवाओं के लिए सबसे बेहतरीन मंच है ये केंद्रआपको बता दें जयपुर जवाहर कला केंद्र में राजस्थान के हर क्षेत्र से कलाकार आते हैं, लेकिन सबसे ज्यादा युवा कलाकारों का यहां जमावड़ा रहता है. अलग-अलग आर्ट से युवा यहां अपनी कला को निखारते हैं. यहां सबसे ज्यादा युवा कलाकार पेंटिंग करते हैं. इतना ही नहीं यहां भारत के हर राज्य से पेंटिंग के दिग्गज कलाकार अपनी बेहतरीन पेंटिंग को लेकर पहुंचते हैं. बता दें, इस केंद्र में पेंटिंग एग्जिबिशन के लिए अलग-अलग गैलरियां हैं, जहां आर्टिस्ट हर दिन अपनी प्रदर्शनी लगाते हैं. जवाहर कला केंद्र में कलाकारों और आने वाले लोगों के लिए तमाम सुविधाएं हर समय उपलब्ध रहती हैं, जिसकी वजह से यहां लोग सुबह शाम सांस्कृतिक कार्यक्रमों को देखने दूर-दूर से पहुंचते हैं. आपको बता दें जवाहर कला केंद्र में एंट्री के लिए किसी प्रकार का कोई शुल्क नहीं लगता, हर समय लोगों की एंट्री बिल्कुल फ्री रहती हैं.

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