Rajasthan’s traditional textile art will get foreign market | Rajasthan textile industry: राजस्थान की परंपरागत वस्त्र कला को मिलेगा विदेशी बाजार

राजस्थान की परंपरागत वस्त्र कला ( Rajasthan’s traditional textile ), रंग संयोजन ( color combinations ) और प्रिंट के संरक्षण, संवद्र्धन और देश-विदेश में बाजार उपलब्ध कराने में आरएसडीसी लीडर की भूमिका निभाएगा।
जयपुर
Published: February 24, 2022 08:06:32 pm
राजस्थान की परंपरागत वस्त्र कला ( Rajasthan’s traditional textile ), रंग संयोजन ( color combinations ) और प्रिंट के संरक्षण, संवद्र्धन और देश-विदेश में बाजार उपलब्ध कराने में आरएसडीसी लीडर की भूमिका निभाएगा। आरएसडीसी आओ बुनने वालों के, सच होने वाले सपने बुने के संकल्प व केन्द्रीय थीम के साथ आगे आएगा और प्रदेश के बुनकरों और दस्तकारों ( weavers and craftsmen ) के आर्थिक विकास में भी हिस्सेदार बनेगा। सीएमडी राजस्थान हैण्डलूम डवलपमेंट कॉरपोरेशन ( Handloom Development Corporation ) नेहा गिरि ने कहा कि प्रदेश की वस्त्र बुनाई, रंगाई, छपाई की विशिष्ठ पहचान है। कोरोना के कारण वस्त्र शिल्पियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है पर अब सरकार आरएसडीसी के माध्यम से आगे आकर बाजार उपलब्ध कराने में मंच उपलब्ध कराएगी। इसके लिए प्रदर्शनी, हाट बाजार, सेल आदि का आयोजन किया जाएगा।

Rajasthan textile industry: राजस्थान की परंपरागत वस्त्र कला को मिलेगा विदेशी बाजार
कार्यशाला में प्रदेश के अनुभवी टैक्सटाइल डिजाइनर्स, फैशन विशेषज्ञ, हस्तनिर्मित कलाओं के विशेषज्ञ आदि ने हिस्सा लिया। कार्यशाला में बुनकरों और दस्तकारों में बगरु के दस्तकार पद्मश्री रामकिशोर डेरेवाला, कोटा डोरिया के नेशनल अवार्डी नसरुद्दीन अंसारी, सांगानेरी प्रिंट के नेशनल अवार्डी अवधेश कुमार सहित विशेषज्ञों ने कोरोना महामारी के कारण प्रभावित इस उद्योग को आगे लाने की आवश्यकता प्रतिपादित की। सीजीएम नायब खान ने बताया कि केन्द्रीय वस्त्र मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी तपन शर्मा, वनस्थली विद्यापीठ के प्रोफेसर डॉ. नीरजा शर्मा, भारतीय शिल्प संस्थान की रजिस्ट्रार रश्मि पारीक ने बाजार की मांग, रंग संयोजन के साथ ही परपंरागत शिल्प संयोजन के समन्वय की आवश्यकता प्रतिपादित की। सीएमडी नेहा गिरि ने इस अवसर पर अवार्डी प्रतिभागियों द्वारा प्रदर्शित उत्पादों का अवलोकन किया और विस्तार से चर्चा की।
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