Rajeshwari is struggling for the demand of 13 districts
रिपोर्ट: पुष्पेंद्र मीना
दौसा. कई महिलाएं हमेशा संघर्ष करती नजर आती है, लेकिन वह या तो अपने स्वयं के लिए संघर्ष करती नजर आती है या फिर अपने परिवार के लिए. लेकिन दौसा जिले के एक छोटे से गांव खुर्रा की बहू गांव के लिए नहीं, विधानसभा क्षेत्र के लिए नहीं, जिले के लिए नहीं बल्कि 13 जिलों की मांग को लेकर वह लगातार संघर्ष कर रही है. इस दौरान उनके सामने कई परेशानियां भी सामने आई है. कहीं विरोध का सामना करना पड़ा तो कहीं घर की परिस्थतियों का सामना करना पड़ा.
महिला का परिचय
महिला का जन्म अलवर जिले के रैणी के पाटन बास गांव में हुआ है. जिसके बाद लालसोट विधानसभा क्षेत्र के खुर्रा गांव में सरकारी नौकरी करने वाले व्यक्ति से उनकी शादी हुई और एक बेटा और एक बेटी है उनकी भी उम्र छोटी है. महिला का नाम राजेश्वरी मीणा है और वह सर्व समाज और इन लोगों की मांग को लेकर हमेशा संघर्ष करते नजर आती हैं. इनकी पूरी शिक्षा अलवर जिले से हुई है. इन्होंने एमएसईसी किया हुआ है और आरएएस में परीक्षा में भी दो भाग्य आजमाया था. लेकिन परीक्षा पास नहीं कर पाई.
आपके शहर से (दौसा)
कोरोना में लोगों की मदद, तब हुई पहचान
जब कोरोना काल में लोग एक दूसरे के पास जाने से भी डर रहे थे तब महिला राजेश्वरी मीणा आगे आई और उन्होंने लोगों की मदद करने की शुरुआत की. महिला के द्वारा दौसा जिले के प्रत्येक गांव और कस्बे में मासिक राशन वितरण किए और ऑक्सीजन से जूझ रहे मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए वेंटीलेटर भी अस्पतालों में उपलब्ध करवाएं. तब जाकर दौसा जिले सहित आसपास के जिलों में राजेश्वरी को लोग जानने और पहचानने लगे उसके बाद से लगातार वह संघर्ष करती आ रही है.
ईआरसीपी की मांग को भी प्रमुखता से उठाया
महिला राजेश्वरी ने बताया कि ईआरसीपी पर कुछ न्यूज़ और कटिंग मैंने देखी और पूरा ईआरसीपी का लेख पढ़ा तब मेरे समझ में आई कि यह बहुत महत्वपूर्ण योजना है. पूर्वी राजस्थान का एक बहुत बड़ा प्रोजेक्ट है और 1 साल पूर्व से मैं इसमें जुड़ गई थी. मेहंदीपुर बालाजी में सबसे प्रथम बैठक हुई थी उसमें मैंने भाग लिया था और पानी की मांग इसलिए भी कर रही हूं क्योंकि मेरा ससुराल सहित सैकड़ों गांव भी पानी से जूझ रहे हैं.
छोटे बच्चे छोड़कर करती है संघर्ष
महिला राजेश्वरी ने बताया कि मेरे पति ससुराल और मेरे बच्चों का खूब सपोर्ट रहा है. इन्हीं से मुझे हिम्मत मिली है. मेरे दो बच्चे हैं बेटी साढ़े तीन साल की और बेटा 2 साल का है. कहीं ना कहीं उनके सहयोग से ही मैं लोगों की मांग को उठा पा रही हूं और मेरे छोटे-छोटे बच्चे मेरे बिना रहे लेते हैं.
महिला राजेश्वरी ने कहा है कि मैं एक महिला हूं और घर के बाहर निकल रही हूं. काफी रैलियों में और काफी आंदोलनों में मैं जाती हूं. तब प्रदर्शन होता है तो परिवार के लोगों में घबराहट होती है. मैं जब घर से बाहर निकलती हूं तो मेरी मां के समान सांस कहती है कि बेटा अपना ध्यान रखना वह सबसे ज्यादा घबराती है.
पारिवारिक भूमि राजनीतिक नहीं
महिला राजेश्वरी ने बताया कि मेरे पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक नहीं है शुरुआत में मेरे लिए यह कष्टदायक रहा. सोशल मीडिया पर काफी कमैंट्स ऐसे आते थे. मैं एक महिला हूं और महिला को आसानी से टारगेट किया जा सकता है, ट्रोल किया जा सकता है. महिला बहुत भावुक होती है महिला को टारगेट करना बहुत ही आसान होता है लेकिन अब मैं सीख गई हूं और मैं इनका सामना करना भी जान चुकी हूं.
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Tags: Dausa news, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED : February 16, 2023, 10:31 IST