राजस्थान में खजूर की पैदावार कर किसान कमा रहे हैं लाखों रुपये- large yield of dates in desert areas- farmers are earning lakhs of rupees– News18 Hindi

इस साल खजूर की एडीपी-1 किस्म से पिछले साल की तुलना में दुगना उत्पादन हुआ है. पिछले साल 150 पौधे से 1500 किलो खजूर उत्पादन हुए थे. वो इस साल बढ़कर तीन हजार किलो हो गया है. केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुशंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने बताया कि वह दिन दूर नहीं जब खजूर से रेगिस्तान के किसानों की आय चार से पांच गुना बढ़ जाएगी.
कच्छ क्षेत्र को खजूर का हब माना जाता है
दरसअल गुजरात के कच्छ क्षेत्र को खजूर का हब माना जाता है. लेकिन 2014 में जोधपुर के काजरी संस्थान ने गुजरात से 150 पौधे लाकर अपने यहां लगाये थे. गुजरात की आंणद यूनिवर्सिटी और बीकानेर शुष्क बागवानी संस्थान के साथ मिलकर काजरी टिश्यू कल्चर की तकनीक से खजूर का उत्पादन शुरू किया. चार साल की मेहनत से काजरी में इन पेड़ों पर खजूर के बड़े बडे गुच्छे लटक रहे हैं.
किसान इससे लाखों रुपए कमा रहे हैं
काजरी के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अखत सिंह बताते हैं कि पश्चिमी राजस्थान में किसान पहले बाजरी, मूंगफली और जीरा जैसी कुछ ही किस्म की खेती किया करते थे. लेकिन काजरी की ओर से किसानों को खजूर की तकनीक देने के बाद अब किसान इससे लाखों रुपए कमा रहे हैं. डॉ. अखत सिंह के अनुसार एडीपी-1 से भरपूर उत्पादन हुआ है लेकिन सीरियन वैरायटी से अभी अपेक्षित परिणाम नहीं मिले हैं.
देशभर में मशहूर हो रहे हैं खजूर
मारवाड़ के जोधपुर की जलवायु में इस किस्म ने कमाल कर दिया है. काजरी के बेर के बाद काजरी की खजूर भी देशभर में मशहूर होते जा रहे हैं. यह काजरी की दूसरी बड़ी सफलता है.