PM Modi appeal to every common man by sharing this special tricolor | पीएम मोदी ने नेहरू द्वारा फहराया गया तिरंगा शेयर कर की है हर आम आदमी से ये खास अपील
22 जुलाई का हमारे इतिहास में विशेष महत्व
पीएम मोदी ने अपने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘आज 22 जुलाई का हमारे इतिहास में विशेष महत्व है। 1947 में आज ही के दिन हमारे राष्ट्रीय ध्वज को अंगीकार किया गया था।’ हमारे तिरंगे से जुड़ी समिति और पंडित नेहरू द्वारा फहराए गए पहले तिरंगे सहित इतिहास से कुछ दिलचस्प बातें शेयर कर रहा हूं।
महान लोगों को याद करें – पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज हम उन सभी लोगों के महान साहस और प्रयासों को याद करते हैं, जिन्होंने स्वतंत्र भारत के लिए एक ध्वज का सपना देखा था, जब हम औपनिवेशिक शासन से लड़ रहे थे। हम उनके विजन को पूरा करने और उनके सपनों के भारत के निर्माण के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं।’ इस मौके पर पीएम मोदी की ओर से वह ध्वज भी शेयर किया गिया है जो खुद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने फहराया था। ( यही पहला तिरंगा है, जिसे पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने फहराया था)



अनुमान लगाया जा रहा है कि इन तीन दिनों में देशभर के 20 करोड़ से अधिक घरों पर तिरंगा फहराया जाएगा। 17 जुलाई को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों और प्रशासकों के साथ ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत होने जा रहे इस अभियान की तैयारियों की समीक्षा की थी। इस अभियान के तहत जनभागीदारी से घरों के ऊपर तिरंगा फहराया जाएगा। इसमें सरकारी एवं निजी प्रतिष्ठान भी शामिल होंगे।
सोशल मीडिया पर भी तिरंगा दिखेगा केंद्र सरकार ने कहा कि 22 जुलाई से सभी राज्य सरकारों की वेबसाइट के होमपेज पर राष्ट्रीय ध्वज दिखाई देगा। सरकार द्वारा विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे-फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर आदि अकाउंट पर भी तिरंगा प्रदर्शित करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। तिरंगे के साथ लोग सेल्फी भी ले सकेंगे। इसे इसे संस्कृति मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड किया जा सकेगा। क्लिक करके देखें साइट पर क्या है… https://harghartiranga.com/
केंद्र सरकार ने तीन तरह के झंडों के प्रॉडक्शन का इंतजाम किया है। ये डाकघरों में भी उपलब्ध होंगे। तिरंगे को ऑनलाइन भी खरीदा जा सकेगा। राष्ट्रीय ध्वज की बिक्री पर नहीं लगेगा कोई कर
बता दें, केंद्र सरकार ने पालिएस्टर से बने राष्ट्रीय ध्वज की बिक्री पर माल और सेवा कर में छूट दी है। कपास, रेशम, ऊन या खादी से बने हाथ से बुने हुए राष्ट्रीय झंडे पहले से ही इस तरह के कर से बाहर हैं। वित्त मंत्रालय के तहत राजस्व विभाग ने अपने एक बयान में कहा कि दिसंबर 2021 में किए गए संशोधनों सहित ध्वज संहिता 2002 का पालन करने वाले भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को जीएसटी से छूट दी जाएगी।