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Ramjan Special: 1000 साल पुराना इमली का चमत्कारी पेड़, धागा बांधकर पूरी होगी मिन्नत, रमजान में लगती है जायरीनों की भीड़

Last Updated:March 09, 2025, 11:50 IST

Ramjan Special: जयपुर जिले के सांभर रैना दरगाह के बींचो-बीच स्थित इमली के पेड़ को लेकर खास मान्यता यह है कि यहां जो भी मन्नत का धागा बांधते हैं वह मन्नत पूरी होती है. यहां दुरदराज से जायरीन आकर मन्नत का धागा बा…और पढ़ेंX
मस्जिद
मस्जिद में नमाज पढ़ने आए लोगों ने बताया कि यह इमली का पेड़ 1 हजार साल पुराना है.

हाइलाइट्स

सांभर दरगाह में 1000 साल पुराना इमली का पेड़मन्नत का धागा बांधने दूर-दूर से आते हैं जायरीनपेड़ को काटा या जलाया नहीं जाता, पूरी होती है मन्नत

 जयपुर. अभी रमजान का महीना चल रहा है. यह महीना मुस्लिम धर्म के लोगों के लिए एक पर्व की तरह है. इसमें वे अल्लाह की इबादत कर अपने गुनाहों को माफ़ी मांगते हैं. आज हम आपको रमजान स्पेशल स्टोरी में एक मस्जिद के बारे में बताएंगे जिसमें एक पेड़ के सामने अल्लाह की इबादत की जाती है. जयपुर जिले के सांभर नरैना रोड़ पर यह जगह स्थित है. सांभर में स्थित आशताना शरीफ दरगाह में यह इमली का पेड़ है. मस्जिद में नमाज पढ़ने आए लोगों ने बताया कि यह इमली का पेड़ 1 हजार साल पुराना है.

पेड़ में बांधा जाता है मन्नत का धागायहां बड़ी संख्या में जयरीन आते हैं और मन्नत का धागा बांधते हैं. पेड़ का मुख्य तना पूरी तरह से सूख चुका है, लेकिन ऊपरी हिस्सा की शाखाएं अभी भी हरी है, जिन पर पत्तियां निकल रही है. खादीम नदीम बताते हैं की दरगाह परिसर में स्थित यह खास पेड़ है, यह एक हजार साल पुराना है जो आज भी सही सलामत है.

पेड़ से जुड़ी हैं ये खास मान्यताएंदरगाह के बीचो-बीच स्थित इमली के पेड़ को लेकर खास मान्यता यह है कि यहां जो भी मन्नत का धागा बांधते हैं वह मन्नत पूरी होती है. यहां दूरदराज से जायरीन आकर मन्नत का धागा बांधते हैं. दरगाह के खादिम ने बताया कि दरगाह के अस्तित्व के साथ ही यहां पर इमली का पेड़ भी मौजूद था. इस पेड़ को काटा नहीं जाता और ना ही इस पेड़ की लकड़ियों को जलाया जाता है. यह पेड़ बहुत खास पेड़ है, जो दरगाह के परिसर में बीचों-बीच खड़ा है. जहां हजारों जयरीन मन्नत का धागा बांधते हैं .

 दूर दराज से आते हैं मन्नत का धागा बांधनेखादिम बताते हैं कि यह पेड़ दरगाह शरीफ में स्थित है, इसलिए इस पेड़ को हजरत साहब का पेड़ ही माना जाता है. यहां मन्नत का धागा इसलिए बांधा जाता है ताकि उनकी अरदास पाक हजरत मखदूम शाह सुने और उनकी दुआ कबूल करें. सांभर नरेना रोड़ पर स्थित आफताब दरगाह पर परिसर में लगे इस पेड़ पर मन्नत का धागा बांधने के लिए दूर दराज से जयरीन आते हैं. यहां मुख्य रूप से मध्य प्रदेश,आसाम, पश्चिम बंगाल ,उत्तर प्रदेश, सीकर, अजमेर,जयपुर, नागौर,अलवर ,कोटा से बड़ी संख्या में जायरीन आते हैं. जो जायरीन अजमेर शरीफ दरगाह जाकर आते हैं वह सांभर दरगाह आने से पहले इस पेड़ पर भी मन्नत का धागा बांधते है.


Location :

Jaipur,Jaipur,Rajasthan

First Published :

March 09, 2025, 11:50 IST

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इमली के पेड़ में धागा बांधने से पूरी होगी मन्नत, रमजान में जायरीनों की भीड़

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